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Hamari Sansad Sammelan: सूफी सिंगर से राजनेता बने हंसराज हंस का जानें सफर

हंसराज हंस को भारतीय जनता पार्टी ने नॉर्थ वेस्ट दिल्ली (North West Delhi) से अपना उम्मीदवार बनाया था

Updated on: 18 Jun 2019, 04:22 PM

नई दिल्ली:

लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) में बीजेपी (BJP) के सबसे ज्यादा मतों से जीत हासिल करने वाले सेलिब्रिटी सूफी सिंगर हंसराज हंस (Hansraj Hans) हैं. हंसराज हंस को भारतीय जनता पार्टी ने नॉर्थ वेस्ट दिल्ली (North West Delhi) से अपना उम्मीदवार बनाया था. हालांकि इसके पहले हंसराज हंस ने कई और राजनीतिक पार्टियों का दामन भी थामा, लेकिन केसरिया का साथ उन्हें ज्यादा रास आया. हंसराज हंस को उनकी बहुमुखी प्रतिभा के चलते कई सम्मानों से नवाजा गया. देश के एक बड़े मीडिय़ा हाउस ने तो उन्हें पंजाब में अपना सांस्कृतिक दूत भी बनाया था

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जीवन परिचय

हंसराज हंस का जन्म 9 अप्रैल 1962 (विकीपीडिया) को पंजाब में जालंधर के शफीपुर गांव में हुआ था. हंसराज हंस पंजाबी फोक सॉन्ग और सूफी संगीत के माहिर हैं. हंस राज ने उस्ताद पूरण शाहकोटि साहिब से काफी कम उम्र में ही संगीत सीखना शुरू कर दिया था. उन्होंने म्यूजिक डायरेक्टर चरणजीत आहूजा से भी संगीत सीखा और पंजाबी फोक सॉन्ग गाना शुरू किया.

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हंसराज ने तमाम फिल्मों में भी गाने गाए. कच्चे धागे में नुसरत फतेह अली खान के साथ भी काम किया है. हंस 1983 से लगातार म्यूजिक इंडस्ट्री में काम कर रहे हैं. उन्होंने ऊपर खुदा आसमां नीचे, टोटे-टोटे हो गया, तेरे बिन नई जीना मर जाना जैसे गानों से अपनी खास पहचान बनाई है.

राजनीति का सफर

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हंसराज के राजनीतिक सफर की बात करें तो यह शुरू हुआ साल 2009 में. इसी साल में उन्होंने पंजाब में शिरोमणि अकाली दल जॉइन कर लिया था. वह जालंधर से चुनाव भी लड़े थे. साल 2014 में उन्होंने 18 दिसंबर के दिन इस्तीफा दे दिया, और फरवरी 2016 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जॉइन कर ली. 10 दिसंबर 2016 को हंस ने कांग्रेस का हाथ छोड़ कर 2019 में लोकसभा चुनाव (Loksabha Elections) से पहले बीजेपी (BJP) का दामन थाम लिया. इस बार हंस चुनाव जीतने में कामयाब रहे.