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आज ही के दिन हुई थी देश की सबसे बड़ी ट्रेन डकैती, पीएम मोदी ने ऐसे बिगाड़ दिया खेल

3 साल पहले आज ही के दिन यानी 8 अगस्‍त को देश की सबसे बड़ी ट्रेन डकैती हुई थी. 8 अगस्त, 2016 को सेलम-चेन्नई एक्सप्रेस की पॉर्सल वैन में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 345 करोड़ रुपये जा रहे थे.

Updated on: 08 Aug 2019, 07:07 PM

highlights

  • नोटबंदी में रद्दी हो गए सबसे बड़ी ट्रेन डकैती के करोड़ों रुपये
  • 3 महीने बाद ही नवंबर में डकैती के रुपये रद्दी हो गए.
  • नोटबंदी में रद्दी हो गए सबसे बड़ी ट्रेन डकैती के करोड़ों रुपये

नई दिल्‍ली:

3 साल पहले आज ही के दिन यानी 8 अगस्‍त को देश की सबसे बड़ी ट्रेन डकैती हुई थी. 8 अगस्त, 2016 को सेलम-चेन्नई एक्सप्रेस की पॉर्सल वैन में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के 345 करोड़ रुपये जा रहे थे. इस भारी भरकम धनराशि की सुरक्षा के लिए हथियारों से लैस 18 गॉर्ड भी थे, लेकिन रात के किसी वक्त पॉर्सल वैन से 5 करोड़ से अधिक के 500 और 1000 रुपये के नोट गायब हो गए.

दरअसल डकैत ट्रेन की छत पर बैठकर यात्रा कर रहे थे. डकैतों ने बैटरी वाले कटर से बोगी की छत काट दी. एक डकैत बोगी में अंदर गया. लकड़ी के बॉक्स काटकर नोटों के बंडल निकाल लिए. उन्होंने अपने अंडर गॉरमेंट में बंडल लपेटकर छत पर बैठे साथियों को दे दिए. आगे चलकर रेलवे लाइन के किनारे उनके साथी इंतजार कर रहे थे. उन्हें बंडल फेंककर दे दिए गए. इसके बाद ट्रेन की छत पर चढ़े दूसरे डकैत कूद कर फरार हो गए.

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डकैती की इतनी बड़ी वारदात के बाद हड़कंप मच गया. पहले जीआरपी ने इस केस में बहुत हाथ-पांव मारे, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ. बाद में मामला सिविल पुलिस के पास गया, लेकिन डकैती का राज खोलने में नाकाम रही. सीबीसीआईडी ने दो साल कुछ बदमाश पकड़े और वारदात का खुलासा करने का दावा किया.

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सीआईडी ने यह केस मोबाइल की मदद से खोला. इसके लिए सीआईडी जिस एरिया में घटना को अंजाम दिया गया उस एरिया में लगे सभी मोबाइल टॉवर से उस वक्त की कॉल डिटेल निकलवाई. लगभग 2 लाख नंबरों को खंगाला और तब जाकर कुछ ऐसे नंबर निकाले जिन पर सीआईडी को शक था.. सीआईडी ने जब कुछ नंबरों की आईडी निकलवाई गई तो उन सभी की आईडी मध्य प्रदेश की थी. इसके बाद मध्य प्रदेश में दबिश देकर पांच लोगों को हिरासत में लिया गया.

8 दिन तक ट्रेन में सफर करके की बनाया प्‍लान

सीआईडी के मुतबिक गुना, मध्य प्रदेश के रहने वाले मोहर सिंह और उसके चार दूसरे साथी तमिलनाडु आए थे. इसी दौरान उन्हें सेलम-चेन्नई एक्सप्रेस में बैंक का कारोड़ों रुपये की जानकारी मिली. मोहर सिंह ने 8 दिन तक सेलम-चेन्नई एक्सप्रेस में सफर किया. और इस आधार पर चिन्नासालेम और विरुधचलम रेलवे स्टेशनों के बीच डकैती को अंजाम देने का प्‍लान बनाया. क्‍योंकि इन दोनों स्टेशन के बीच ट्रेन करीब 45 मिनट से अधिक समय तक चलती है और अंधेरा हो जाता है.

ट्रेन लुट गई और पता तब चला जब..

मोहर सिंह ने डकैती अपने 7 साथियों के साथ इस घटना को अंजाम दिया था. चलती ट्रेन में इतनी बड़ी डकैती हो गई और इसका पता एक स्टेशन पर चला. इस स्‍टेशन पर जब ट्रेन रुकी तो सुरक्षा गॉर्ड बोगी चेक करने आए. रात के वक्त भी छत के रास्ते उन्हें रोशनी दिखी तो शक हुआ. जांच की गई तो छत कटी हुई मिली.

पीएम मोदी ने ऐसे बिगाड़ा खेल

डकैत अपने मंसूबे में तो सफल हो गए. पूरे 5 करोड़ से अधिक की रकम पर उन्‍होंने हाथ साफ किया था. लेकिन हाय री किस्‍मत, इस भारी भरभरकम रकम में से वे एक धेला भी खर्च नहीं कर सके. दरअसल ठीक 3 महीने बाद 8 नवंबर 2019 को पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्‍ट्र के नाम संदेश देते हुए पूरे देश में नोटबंदी की घोषणा कर दी.

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रातों-रात एक हजार और 500 के सभी नोट रद्दी हो गए. 500 और 1000 रुपये के नोट चलन से बाहर हो गए. गिरोह के सरगना मोहर सिंह ने उस वक्त सीबीसीआईडी को जो बयान दिया था उसके मुताबिक इतनी बड़ी रकम को खर्च करना आसान नहीं था. वे रकम को रखकर बैठे हुए थे. कुछ ही रकम खर्च कर पाए थे कि 8 नवबंर को नोटबंदी हो गई.