Ayodhya Verdict: 1992 से 2019 तक इतिहास के आईने में अयोध्या, बाबरी मस्जिद और रामजन्मभूमि
Ayodhya Verdict: अयोध्या विवाद (Ayodhya Dispute) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ( Ayodhya Verdict in Supreme Court) का ऐलान जल्द होने वाला है.
नई दिल्ली:
Ayodhya Verdict: अयोध्या विवाद (Ayodhya Dispute) पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले ( Ayodhya Verdict in Supreme Court) का ऐलान जल्द होने वाला है. 6 अगस्त 2019 से 16 अक्टूबर 2019 तक 40 दिनों तक अयोध्या केस (Ayodhya Case) की रोज़ाना सुनवाई हुई , 17 नवम्बर से पहले अब इस केस में फैसला आना है. इसको लेकर पूरा देश अलर्ट मोड है. अयोध्या में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. कई राज्यों में धारा 144 लागू है. अयोध्या को लेकर देश ही नहीं पूरी दुनिया की निगाहें हैं. आइए जानें 1992 से लेकर अब तक क्या-क्या हुआ...
- 1992- 16 दिसंबर की तारीख को मस्जिद में हुई तोड़फोड़ की जांच के लिए लिब्राहन आयोग का गठन किया गया. जज एमएस लिब्रहान के नेतृत्व में पूरे मामले की जांच शुरू की गई.
- 2002-अप्रैल में हाईकोर्ट के तीन जजों की पीठ ने अयोध्या के विवादित स्थल पर मालिकाना हक को लेकर सुनवाई शुरू की.
- 2003- इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अयोध्या में खुदाई की.
- 2009- लिब्रहान आयोग ने अपने गठन के लगभग डेढ़ दशक बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपनी जांज रिपोर्ट सौंपी.
- 2010- 30 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांट दिया. इसमें एक हिस्सा राम मंदिर, दूसरा सुन्नी वक्फ बोर्ड और तीसरा निर्मोही अखाड़ा को दे दिया गया.
- 2011- इस साल 9 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी.
- 2017- 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जेएस खेहर ने इस विवाद को आपसी सहमति से सुलझाने की सलाह दी.
- 2018- 29 जुलाई सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जल्द सुनाई पर इनकार करते हुए केस जनवरी 2019 तक के लिए टाल दिया.
- 2019- सुप्रीम कोर्ट ने 8 जनवरी 2019 को चीफ जस्टिस की रंजन की अध्यक्षता में पांच जजों की संवैधानिक पीठ का गठन किया है. पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस एस ए बोबडे, एन वी रमन्ना, यू यू ललित और डी वाई चंद्रचूड़ को भी शामिल किया.
- 2019- 10 जनवरी 2019 को पीठ में शामिल जस्टिस यू यू ललित ने खुद को संवैधानिक पीठ से अलग कर लिया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए नई बेंच का गठन करने के लिए 29 जनवरी की तारीख तय की.
- 2019- 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में इस मामले की सुनवाई के लिए संवैधानिक पीठ का गठन किया. चीफ जस्टिंस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली इस पीठ में जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्चिस एस ए नजीर को शामिल किया गया.
- 6 अगस्त 2019 से 16 अक्टूबर 2019 तक 40 दिनों तक इस केस की रोज़ाना सुनवाई हुई , 17 नवम्बर से पहले अब इस केस में फैसला आना है
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