Rafale होता तो बालाकोट के बाद पाकिस्तान के दर्जन भर एफ-16 गिरा दिए होते
Rafale मीटिअर और स्काल्प (Scalp) मिसाइलों के साथ उड़ान भर सकता है. मीटिअर मिसाइलें 150 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर हवा में गति कर रहे टारगेट पर भी सटीक निशाना लगाने में सक्षम हैं.
highlights
- राफेल का रडार 100 किमी के दायरे में एक साथ 40 टारगेट की पहचान कर सकता है.
- पाकिस्तान के दो एफ-16 विमान के बराबर होगा भारत का एक राफेल विमान.
- चीन (China) के जे-20 (J-20) श्रेणी के विमानों की चुनौती बड़ी है.
नई दिल्ली:
'गोल्डन एरो' (Golden Arrow) यानी दुनिया की सबसे घातक मिसाइलों (Missiles) और सेमी स्टील्थ (Semi Stealth) तकनीक से लैस पहला राफेल विमान विजयदशमी (Vijayadashmi) यानी मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के सुपुर्द कर दिया जाएगा. पेरिस पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह विजयदशमी के मौके पर फ्रांस में शस्त्र पूजा करके भारत के लिए पहला राफेल जेट रिसीव करेंगे. राफेल के आने से भारत को नई सामरिक क्षमता मिलेगी. इसे भारत की सामरिक जरूरतों के हिसाब से अनेक हथियारों से लैस किया गया है. भारत कुल 36 राफेल विमान खरीद रहा है. इन्हें पंजाब (Punjab) तथा पश्चिम बंगाल (West Bengal) में तैनात किया जाएगा.
यह भी पढ़ेंः जेम्स पीबल्स, माइकल मेयर और डिडियेर क्वीलोज को संयुक्त रूप से मिला भौतिकी का 2019 का नोबेल पुरस्कार
100 किमी के दायरे में 40 लक्ष्यों की एक साथ पहचान
राफेल कई खूबियों वाले राडार वार्निग रिसीवर (Radar Warning Reciever), कई लो लैंड जैमर, दस घंटे तक की डाटा रिकार्डिग, इजरायली (Israil) हेल्मेट उभार वाले डिस्प्ले, इन्फ्रारेड सर्च एवं ट्रैकिंग सिस्टम जैसी क्षमताओं से लैस है. राफेल में जितना संवेदनशील रडार सिस्टम है उतना एफ-16 में नहीं है. राफेल का रडार सिस्टम 100 किलोमीटर के दायरे में एक बार में एक साथ 40 टारगेट (Targets) की पहचान कर सकता है, जबकि पाकिस्तान के एफ-16 का रडार सिस्टम केवल 84 किलोमीटर के दायरे में केवल 20 टारगेट की ही पहचान करने में सक्षम है. राफेल का ऑन बोर्ड रडार और सेंसर काफी दूर से दुश्मन के लड़ाकू विमानों को डिटेक्ट कर सकता है.
यह भी पढ़ेंः राजनाथ सिंह से मुलाकात के बाद बोले फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों, इस्लामिक आतंकवाद से लड़ाई जारी रहेगी
हवा में 150 किमी दूर निशाना लगाने में सक्षम
राफेल मीटिअर और स्काल्प (Scalp) मिसाइलों के साथ उड़ान भर सकता है. मीटिअर मिसाइलें 150 किलोमीटर से ज्यादा दूरी पर हवा में गति कर रहे टारगेट पर भी सटीक निशाना लगाने में सक्षम हैं. यही नहीं, ये मिसाइलें जेट से लेकर छोटे मानव रहित विमानों के साथ-साथ क्रूज मिसाइलों (Cruze Missile) को भी ध्वस्त कर सकती हैं. वहीं स्काल्प मिसाइलें करीब 300 किलोमीटर दूर जमीन पर किसी भी लक्ष्य को तबाह कर सकती हैं. ये मिसाइलें राफेल को जमीन से निशाना साध रहे हथियारों से भी बचाती हैं. पाकिस्तान के एफ-16 में लगने वाली एमराम मिसाइलों की रेंज अधिकतम 100 किलोमीटर तक ही है.
यह भी पढ़ेंः चंद घंटों में भारत को मिल जाएगा राफेल, फ्रांस के राष्ट्रपति से मिले राजनाथ सिंह
एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई
राफेल महज एक मिनट में 60 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. यह 17 हजार किलोग्राम र्इंधन क्षमता से लैस है. यह हर तरह के मौसम में एक साथ कई काम करने में सक्षम है. यह परमाणु अटैक (Nuclear Attack), क्लोज एयर सपोर्ट, लेजर डायरेक्ट लॉन्ग रेंज मिसाइल अटैक और ऐंटी शिप अटैक में अचूक है. यह 2,223 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से 24,500 किलो तक का वजन ले जाने में सक्षम है. यही नहीं 60 घंटे की अतिरिक्त उड़ान भी भर सकता है. यह 18,288 मिनट प्रति मिनट की रफ्तार से ऊंचाई पर पहुंचता है, जबकि एफ-16 की रेट ऑफ क्लाइंब 15,240 मीटर/मिनट है. हालांकि, रफ्तार के मामले में पाकिस्तान का एफ-16 (2415 किमी/घंटा) आगे है.
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान की दशहरे पर दहशत फैलाने की साजिश बेनकाब, फिरोजपुर में ड्रोन ने लांघी सीमा
दो एफ-16 पर भारी है एक राफेल
जाहिर है इराक (IraQ) और लीबिया (Libiya) में अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करने वाले राफेल विमानों का मुकाबला पाकिस्तान (Pakistan) के अमेरिका निर्मित एफ-16 (F-16) लड़ाकू विमानों से है. विशेषज्ञों के मुताबिक राफेल जंग में 'गेमचेंजर' (Gamechanger) साबित होगा और इसके आने से पाकिस्तानी समेत कुछ हद तक चीन पर भी भारतीय वायुसेना वर्चस्व स्थापित कर देगा. सरल शब्दों में कहें तो पाकिस्तान के दो एफ-16 विमान के बराबर होगा भारत का एक राफेल. यहां यह भूलना नहीं चाहिए कि अभी भारत को एक एफ-16 रोकने के लिए दो सुखोई 30 एमकेआई विमान तैनात करने पड़ते हैं.
यह भी पढ़ेंः फवाद चौधरी ने दशहरा की दी बधाई, लोगों ने कर दी जमकर उनकी खिंचाई
हालांकि चीन के जे-20 से काफी पीछे है राफेल
राफेल भले ही एफ-16 पर भारी पड़ रहा हो लेकिन चीन (China) के जे-20 (J-20)श्रेणी के विमानों की चुनौती बड़ी है. चीन के जे-20 विमानों की कॉम्बैट रेडियस (Combat Radius) 3400 किलोमीटर है जिसके आगे राफेल नहीं टिकता है. चीन का यह विमान पीएल-15 और पीएल-21 मिसाइलों से लैस है जिनकी रेंज क्रमश: 300 और 400 किलोमीटर है. यह 18 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है, जबकि राफेल और एफ-16 इस मामले में काफी पीछे हैं. चीन आने वाले वर्षों में जे-20ए विमानों को अपनी वायुसेना में शामिल कर रहा है. इसे देखते हुए भारतीय वायुसेना को भी अपनी क्षमताओं में इजाफा करना होगा. हालांकि, भारत के लिए अच्छी बात यह है कि उसे मीटियोर मिसाइल मिल रही है जिसे BVRAAM (Beyond Visual Range Air to Air Missile) की अगली पीढ़ी की मिसाइल भी कहा जाता है और यह एशिया में किसी दूसरे देश के पास नहीं है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Chanakya Niti: चाणक्य नीति क्या है, ग्रंथ में लिखी ये बातें गांठ बांध लें, कभी नहीं होंगे परेशान
-
Budhwar Ganesh Puja: नौकरी में आ रही है परेशानी, तो बुधवार के दिन इस तरह करें गणेश जी की पूजा
-
Sapne Mein Golgappe Khana: क्या आप सपने में खा रहे थे गोलगप्पे, इसका मतलब जानकर हो जाएंगे हैरान
-
Budhwar Ke Upay: बुधवार के दिन जरूर करें लाल किताब के ये टोटके, हर बाधा होगी दूर