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पहले खाना पकाइए, फिर बचे कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बना कार चलाइए

शुरुआत में तेल कंपनियां इस्तेमाल में आए कुकिंग ऑयल से तैयार बायोडीजल 51 रुपये प्रति लीटर में लेंगी. दूसरे साल इसकी कीमत 52.7 रुपये लीटर होगी और तीसरे साल इसकी कीमत बढ़कर 54.5 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी.

Updated on: 10 Aug 2019, 07:38 PM

highlights

  • 100 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट शनिवार को शुरू.
  • बचे कुकिंग ऑयल से तैयार होगा बायोडीजल.
  • इस्तेमाल में आए कुकिंग ऑयल की मिलेगी अच्छी कीमत.

नई दिल्ली.:

ऐसा अधिकांश घरों और खाद्य प्रतिष्ठानों में होता होगा, लेकिन सच तो यही है कि एक बार इस्तेमाल में आने के बाद कुकिंग ऑयल का दोबारा इस्तेमाल सेहत के लिए गंभीर खतरे का सबब बनता है. इसे जानते-समझते हुए मोदी 2.0 सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एक बार इस्तेमाल में आ चुके कुकिंग ऑयल के दोबारा इस्तेमाल का नया तरीका निकाला है. अब बचे कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बनाने की तैयारी है. इसके नए इस्तेमाल को लेकर सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियां इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम एक बार इस्तेमाल में आए कुकिंग ऑयल से तैयार बायोडीजल खरीदेंगी. इसके लिए पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 100 शहरों में पायलट प्रोजेक्ट शनिवार को शुरू किया है.

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मिलेगी अच्छी कीमत भी
शुरुआत में तेल कंपनियां इस्तेमाल में आए कुकिंग ऑयल से तैयार बायोडीजल 51 रुपये प्रति लीटर में लेंगी. दूसरे साल इसकी कीमत 52.7 रुपये लीटर होगी और तीसरे साल इसकी कीमत बढ़कर 54.5 रुपये प्रति लीटर हो जाएगी. इस नई योजना को शुरू करते ही केंद्रीय मंत्री ने रीपर्पज यूज्ड कुकिंग ऑयल स्टीकर और यूज्ड कुकिंग ऑयल के लिए मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया. इनसे यह सुनिश्चत किया जाएगा कि इस्तेमाल हो चुका तेल दोबारा इस्तेमाल ना आए. यह स्टीकर फूड ज्वाइंट्स, होटल्स और रेसत्रां को अपने परिसर में लगाकर घोषणा करनी होगी कि वे बायोडीजल के लिए कुकिंग तेल की आपूर्ति करते हैं.

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हर साल बनेगा 110 करोड़ लीटर बायोडीजल
'वर्ल्ड बायोफ्यूल डे' पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधान ने कहा, 'कुकिंग ऑयल के अलावा बायोडीजल कई रूपों में उपलब्ध है. यह व्यर्थ से धन में परिवर्तन है. हम बायोफ्यूल डे को वैकल्पिक ऊर्जा दिवस के रूप में मनाएंगे.' गौरतलब है कि भारत में हर साल 2,700 करोड़ लीटर कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल होता है, जिसमें से 140 करोड़ का होटल्स, रेस्त्रां और कैंटीन से एकत्र किया जा सकता है. इनसे हर साल करीब 110 करोड़ लीटर बायोडीजल बनाया जाएगा. गौरतलब है कि इस्तेमाल में आ चुके खाद्य तेल को दोबारा खाने से हाइपरटेंशन, ऐथिरोस्क्लेरोसिस, अल्जाइमर और लिवर से जुड़ी समस्याएं सामने आती हैं.