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ये बैटरी आपके Smartphones को 5 दिन तक देगी Power, जानें क्या है खास

अगर आप अपने मोबाइल की बैटरी के जल्दी खत्म हो जाने से परेशान रहते हैं तो आपके लिए एक एक खुशखबरी है. जल्दी ही ऐसी बैटरी आने वाली है जो आपके फोन को कम से कम पांच दिन का बैटरी बैक अप देती है.

Updated on: 05 Jan 2020, 09:40 AM

highlights

  • अगर आप अपने मोबाइल की बैटरी के जल्दी खत्म हो जाने से परेशान रहते हैं तो आपके लिए एक एक खुशखबरी है. 
  • जल्दी ही ऐसी बैटरी आने वाली है जो आपके फोन को कम से कम पांच दिन का बैटरी बैक अप देती है.
  •  इतना ही नहीं वैज्ञानिकों का दावा है कि नई बैटरी से इलेक्ट्रिकल व्हीकल भी चलाए जा सकेंगे. 

नई दिल्ली:

अगर आप अपने मोबाइल की बैटरी के जल्दी खत्म हो जाने से परेशान रहते हैं तो आपके लिए एक एक खुशखबरी है. जल्दी ही ऐसी बैटरी आने वाली है जो आपके फोन को कम से कम पांच दिन का बैटरी बैक अप देती है. बताया जा रहा है कि वैज्ञानिकों ने ऐसी बैटरी बना भी ली है. इतना ही नहीं वैज्ञानिकों का दावा है कि नई बैटरी से इलेक्ट्रिकल व्हीकल भी चलाए जा सकेंगे. दरअसल ऑस्ट्रेलिया के मोनाश विश्वविद्यालय की शोधकर्ता महदोखत शाबानी व उनके सहयोगियों ने लिथियम -आयन बैटरी की तुलना में पांच गुना अधिक क्षमता वाली लिथियम-सल्फर बैटरी विकसित की है.

इस बैटरी की खासियत है कि लिथियम और सल्फर से बनी इस बैटरी के बड़े स्वरूप को यदि आप एक बार Full Charge कर देते हैं तो इससे किसी Electric Vehicles को 1,000 किमी तक आसानी से चलाया जा सकता है.

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बेहद सस्ती होगी लिथियम-सल्फर से बनी बैटरी लिथियम-सल्फर से बैटरी बनाने वाली वैज्ञानिक महदोखत शाबानी ने कहा, यह बैटरी सल्फर-आयन से बनने वाली बैटरी से पांच गुना अधिक शक्तिशाली है. इससे अब Smartphones से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक के लिए बेहद बैटरी बनाई जा सकती है. क्योंकि सल्फर काफी मात्रा में उपलब्ध है और यह काफी सस्ती भी है.

इस बैटरी की अन्य खासियत है कि बार-बार चार्ज करने पर भी इसकी ऊर्जा देने की क्षमता में कमी नहीं आती. इसका मतलब है कि यदि इस बैटरी को 200 बार चार्ज किए जाने पर भी इसकी ऊर्जा देने के क्षमता 99 फीसदी बनी रहती है. वहीं, लिथियम-आयन बैटरी को बार-बार चार्ज करने पर उसकी क्षमता घटती जाती है.

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लिथियम-सल्फर से बनी बैटरी उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग के लिए ठीक नहीं मानी जाती थी, क्योंकि इससे बनी बैटरी के साथ सबसे बड़ी चुनौती कैथोड की अस्थिरता रही है, लेकिन अब शोधकर्ताओं ने इसका हल खोज लिया है. उन्होंने ऐसा लचीला कैथोड विकसित किया है जो चार्ज होने पर आकार में होने वाले विस्तार और संकुचन से होने वाले परिवर्तन को रोकने में सक्षम है.