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NASA ने की चेतावनी, चंद्र ग्रहण के बाद आ रहा है बड़ा धूमकेतु, धरती के लिए बन सकता है खतरा

नासा ने एक विशालकाय धूमकेतु का पता लगाया है जो पृथ्वी के करीब से गुजरने वाली है.नासा ने अपने एस्टेरॉयड ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए धूमकेतु (2020 AB2)का पता लगाया है.

Updated on: 11 Jan 2020, 03:45 PM

नई दिल्ली:

शुक्रवार रात साल का पहला चंद्र ग्रहण लगा. चंद्र ग्रहण और प्राकृतिक आपदा का संबंध है. कहा जाता है कि चंद्र ग्रहण के बाद भूकंप जैसी आपदा होती है. लेकिन नासा ने एक दूसरी ही आपदा को लेकर चेतावनी जारी की है. नासा ने एक विशालकाय धूमकेतु का पता लगाया है जो पृथ्वी के करीब से गुजरने वाली है.

नासा ने अपने एस्टेरॉयड ट्रैकिंग सिस्टम के जरिए धूमकेतु (2020 AB2)का पता लगाया है. नासा की मानें तो यह धूमकेतु 12 जनवरी रविवार को पृथ्वी के करीब से होकर गुजरेगा.

नासा ने धूमकेतु का आकार और रफ्तार दोनों की जानकारी दी है. नासा की मानें तो यह धूमकेतु 28,440 प्रतिघंटे की रफ्तार से पृथ्वी की तरफ बढ़ रहा है. इसकी रफ्तार इतनी है कि लंदन से न्यूयॉर्क की दूरी महज 6 मिनट में पूरी कर सकता है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि अगर यह धूमकेतु पृथ्वी से टकराता है तो कितनी बड़ी तबाही हो सकती है.

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नासा की मानें तो इस रफ्तार से टकराने वाला धूमकेतु 185 फीट ऊंची सूनामी ला सकता है.

वहीं इस धूमकेतु का साइज 49 फीट (15 मीटर) है. नासा की मानें तो अगर धूमकेतु अपनी सही रफ्तार की दिशा यही रहती है तो चिंता की बात नहीं है. लेकिन अगर धूमकेतु की दिशा बदलती है तो यह चिंता का विषय बन सकता है.

नासा की मानें तो यह धूमकेतु पृथ्वी से 1,645,576 किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा. इससे पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन अगर धूमकेतु की दिशा बदलती है तो पृथ्वी पर इसका असर पड़ सकता है. बता दें कि चंद्र ग्रहण से पहले चार धूमकेतु पृथ्वी से होकर गुजरे.

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गौरतलब है कि अगले 10 साल में धूमकेतु 99942 अपोफिस पृथ्‍वी की कक्षा के बेहद नजदीकी से गुजरने वाला है. इसे 'गॉड ऑफ केऑस' नाम दिया गया है. यह धूमकेतु 340 मीटर लंबा है और पृथ्‍वी की सतह से मात्र 19 हजार मील की दूरी से गुजरेगा. अगर अपोफिस पृथ्‍वी से टकराता है तो इससे पूरी पृथ्‍वी पर भारी तबाही होगी. 'गॉड ऑफ केऑस' से निपटने के लिए नासा ने तैयारी शुरू कर दी है.