6 सितंबर से पहले ही देख लें तस्वीरें, चांद पर ऐसे उतरेगा लैंडर विक्रम
मिशन मून यानी चंद्रयान-2 (Chandrayaan2 ) की सफल लॉन्चिंग के बाद भारत ही नहीं बल्कि दुनिया को 6 सितंबर 2019 का बेसब्री से इंतजार है.
highlights
- लैंडर को चंद्रमा के सतह पर सफल लैंडिंग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है
- लैंडिंग के बाद रोवर का दरवाज़ा खुलेगा और यह महत्वपूर्ण क्षण होगा
- लैंडिंग के 15 मिनट के भीतर ही इसरो को तस्वीरें मिल सकती हैं
नई दिल्ली:
मिशन मून यानी चंद्रयान-2 (Chandrayaan2 ) की सफल लॉन्चिंग के बाद भारत ही नहीं बल्कि दुनिया को 6 सितंबर 2019 का बेसब्री से इंतजार है. यह वह तारीख है जिस दिन चंद्रयान-2 (Chandrayaan2 ) से अलग होकर लैंडर- विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा. इसके बाद, रोवर चन्द्रमा की सतह पर घूमेगा और चांद के एक दिन की अवधी यानी पृथ्वी के 14 दिन की अवधि तक परीक्षण जारी रखेगा. आइए देखें वो तस्वीरें कैसे चांद पर लैंड करेगा विक्रम. अनुमान लगाने वाली इन तस्वीरों को इसरो ने अपने वेबसाइट पर जारी किया है.
रूस के मना करने के बाद इसरो ने स्वदेशी लैंडर विक्रम को खुद बनाया और इसका नाम भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम के जनक डॉ. विक्रम ए साराभाई के नाम पर रखा. यह एक चन्द्रमा के एक पूरे दिन काम करने के लिए विकसित किया गया है, जो पृथ्वी के लगभग 14 दिनों के बराबर है. लैंडर को चंद्रमा के सतह पर सफल लैंडिंग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसकी शुरुआती डिजाइन इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद ने बनाया था. बाद में इसे बेंगलुरु के यूआरएससी ने विकसित किया.
प्रज्ञान रोवर के कंधे पर पूरा मिशन, 15 मिनट में मिलेगा डाटा
27 किलो के इस रोबोट पर ही पूरे मिशन का दारोमदार है. चंद्रयान 2 का रोवर, प्रज्ञान नाम का 6-पहिए वाला एक रोबोट है, जो संस्कृत में 'ज्ञान' शब्द से लिया गया है. यह 500 मीटर (½ आधा किलोमीटर) तक यात्रा कर सकता है और सौर ऊर्जा की मदद से काम करता है.
इसका काम सिर्फ लैंडर के साथ संवाद करना है. इस दौरान यह विभिन्न वैज्ञानिक प्रयोग करेगा. फिर चांद से प्राप्त जानकारी को विक्रम लैंडर पर भेजेगा. लैंडर वहां से ऑर्बिटर को डाटा भेजेगा. फिर ऑर्बिटर उसे इसरो सेंटर पर भेजेगा.
इस पूरी प्रक्रिया में करीब 15 मिनट लगेंगे.
भारत ने पहले कभी ऐसा नहीं किया
इसरो के मुताबिक चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से पर चंद्रयान-2 (Chandrayaan2 ) उतरेगा और इस जगह की छानबीन करेगा. यान को उतरने में लगभग 15 मिनट लगेंगे और ये तकनीकि रुप से बहुत मुश्किल क्षण होगा क्योंकि भारत ने पहले कभी ऐसा नहीं किया है.
यह भी पढ़ेंः रोचक तथ्यः इस फिल्म की लागत में 4 बार लांच किया जा सकता है चंद्रयान-2 जैसा मिशन
इसरो के मुताबिक लैंडिंग के बाद रोवर का दरवाज़ा खुलेगा और यह महत्वपूर्ण क्षण होगा. लैंडिंग के बाद रोवर के निकलने में चार घंटे का समय लगेगा. इसके 15 मिनट के भीतर ही इसरो को लैंडिंग की तस्वीरें मिल सकती हैं.
यह भी पढ़ेंः चंद्रयान-2: भारत को चांद पर पहुंचने के मिशन में आपके जेब से केवल 4 रुपए 64 पैसे निकले
इसरो ने कहा, ''हम वहां की चट्टानों को देख कर उनमें मैग्निशियम, कैल्शियम और लोहे जैसे खनिज को खोजने का प्रयास करेगें. इसके साथ ही वहां पानी होने के संकेतो की भी तलाश करेगें और चांद की बाहरी परत की भी जांच करेंगे.'' चंद्रयान-2 (Chandrayaan2 ) के हिस्से ऑर्बिटर और लैंडर पृथ्वी से सीधे संपर्क करेंगे लेकिन रोवर सीधे संवाद नहीं कर पाएगा. ये 10 साल में चांद पर जाने वाला भारत का दूसरा मिशन है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म की बड़ी भविष्यवाणी- 100 साल बाद यह होगा हिंदू धर्म का भविष्य
-
Aaj Ka Panchang 25 April 2024: क्या है 25 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Ank Jyotish: इस तारीख को जन्में लोग होते हैं बुद्धिमान, लेकिन लोग उठाते हैं इनका फायदा
-
Laxmi Ganesh Puja: धन-वृद्धि और तरक्की के लिए इस तरह करें देवी लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा