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ALERT! अगर धरती पर गिरा ये Asteroid तो होगी भयंकर तबाही

ये विशाल क्षुद्रग्रह करीब 160 मीटर (524 फीट) व्यास का है.

Updated on: 19 Aug 2019, 05:01 PM

highlights

  • पृथ्वी की ओर आ रहा है एक बड़ा ऐस्टेरॉएड. 
  • अगर पृथ्वी पर गिरता है तो करेगा भयंकर तबाही. 
  • वैज्ञानिकों की टीम ने दी ये चेतावनी.

नई दिल्ली:

पृथ्वी पर एक बार फिर खतरा मंडरा रहा है. अबकी बार ये खतरा आकार में भी काफी बड़ा है. दरअसल एक ऐस्टेरॉएड या क्षुद्रग्रह (Asteroid) पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है जो कि आकार में गीज़ा के महान पिरामिड से भी बड़ा है. ये विशाल क्षुद्रग्रह करीब 160 मीटर (524 फीट) व्यास का है जो कि वाशिंगटन स्मारक के बराबर या मिस्र के सबसे प्रसिद्ध पिरामिड से 20 मीटर बड़ा है. इसके साथ ही इस ऐस्टेरॉएड की गति भी काफी तेज है. यदि यह हमारी पृथ्वी पर गिरता है तो पृथ्वी पर भयंकर तबाही का मंजर नजर आएगा. 

वैज्ञानिकों ने इस Asteroid का नाम 2019 OU1 रखा गया है. नासा के सेंटर फॉर नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (NASA’s Center for Near-Earth Object Studies CNEOS) के अनुसार, क्षुद्रग्रह शुक्र की तुलना में पृथ्वी के 40 गुना अधिक पास होगा. 2019 OU1  पृथ्वी के पास से लगभग एक मिलियन किलोमीटर की दूरी से गुजरेगा.

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पिछले कुछ महीनों में सोशल मीडिया पर पहले भी इस तरह की खबरों की बाढ़ आती रही हैं. हालांकि हमारी पृथ्वी पर अभी तक कोई भी एस्टेरॉएड अभी तक नहीं गिरा है. फिर भी इस तरह के क्षुद्रग्रह या एस्टेरॉएड कभी भी पृथ्वी पर गिर सकता है.

वेल्स के कार्डिफ विश्वविद्यालय के एक शीर्ष वैज्ञानिक डॉ इयान मैकडॉनल्ड (Dr Iain McDonald, a top scientist at the Cardiff University, Wales) के अनुसार, हमारा ग्रह एक दिन या दूसरे दिन प्रलयकाल में 'अनिवार्य रूप से' मारा जाएगा. हालांकि, मैकडॉनल्ड ने मानव सभ्यता के अंत के लिए एक सटीक तारीख या समय तय नहीं किया है. लेकिन उनकी बातों से साफ होता है कि हमारी पृथ्वी पर इस तरह के एस्टेरॉएड गिरने का खतरा बना हुआ है.

एक कार्यक्रम में वैज्ञानिकों की एक टीम ने अतीत में खूंखार क्षुद्रग्रह हिट की कई घटनाओं का हवाला देते हुए कहा कि निकट या दूर के भविष्य में इसी तरह की भयावह घटनाओं की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.

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Dr Iain McDonald ने बताया कि मैं कोशिश करता हूं कि यह विपत्तिपूर्ण न हो. भूवैज्ञानिकों के रूप में, हम इन घटनाओं को पूरे इतिहास में पहचानते हैं और हम उस समय उनके जीवन पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं और सोचते हैं. हम जानते हैं कि ये चीजें हमेशा होती रहेंगी. हमेशा चट्टानें आकर पृथ्वी पर गिरती रहेंगी. निश्चित रूप से इनमें से एक हमारा ग्रह मारा जाएगा और इसके बहुत नाटकीय प्रभाव भी पड़ेंगे.