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17 जनवरी को ISRO लांच करेगा अब तक का सबसे ताकतवर संचार उपग्रह GSAT-30

GSAT-30 जीसैट सीरीज का बेहद ताकतवर संचार उपग्रह है जिसकी मदद से देश की संचार प्रणाली में भारत और भी ज्यादा इजाफा हो जाएगा.

Updated on: 14 Jan 2020, 12:49 PM

highlights

  • 17 जनवरी 2020, भारत और इसरो के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा.
  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन  नए संचार उपग्रह जीसैट-30 (GSAT-30)का प्रक्षेपण करेगा. 
  • इस उपग्रह के लॉन्च होने के बाद देश की संचार व्यवस्था और मजबूत हो जाएगी. 

नई दिल्ली:

ISRO to launch GSAT-20 Communication Satellite Soon: 17 जनवरी 2020, भारत और इसरो के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से लिखा जाएगा. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (Indian Space Research Organisation) के नए संचार उपग्रह जीसैट-30 (GSAT-30)का प्रक्षेपण करेगा. बताया जा रहा है कि ये देश का अब तक का सबसे ताकतवर संचार उपग्रह भी है. इस उपग्रह के लॉन्च होने के बाद देश की संचार व्यवस्था और मजबूत हो जाएगी. इसकी मदद से देश में नई इंटरनेट टेक्नोलॉजी लाई जाने की उम्मीद है. साथ ही पूरे देश में मोबाइल नेटवर्क फैल जाएगा, जहां अभी तक मोबाइल सेवा नहीं है.

यह प्रक्षेपण फ्रेंच गुएना के कोउरू शहर से तड़के 2.35 बजे होगा. इस बात की पुष्टि इसरो ने भी कर दी है. यह इसरो का इस साल यानी 2020 का पहला मिशन होगा. इसे लेकर तैयारी अंतिम चरण में है.

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क्या है GSAT-30?
GSAT-30 जीसैट सीरीज का बेहद ताकतवर संचार उपग्रह है जिसकी मदद से देश की संचार प्रणाली में भारत और भी ज्यादा ताकतवर हो जाएगा. अभी जीसैट सीरीज के 14 सैटेलाइट काम कर रहे हैं. इनकी बदौलत ही देश में संचार व्यवस्था कायम है.

जीसैट -30 को पूरी तरह से भारतीय अंतरिक्ष रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी कि इसरो ने ही डिजाइन किया है. इसमें दो सोलर पैनल होंगे और बैटरी होगी जिससे इसे ऊर्जा मिलेगी. यह 107 वां एरियन 5 वां मिशन होगा. कंपनी के 40 साल पूरे हो गए हैं. यह इनसैट सैटेलाइट की जगह काम करेगा. इससे राज्य-संचालित और निजी सेवा प्रदाताओं को संचार लिंक प्रदान करने की क्षमता में बढ़ोतरी होगी. मिशन की कुल अवधि 38 मिनट, 25 सेकंड होगी. इसका का वजन करीब 3100 किलोग्राम है.यह लॉन्चिंग के बाद 15 सालों तक काम करता रहेगा. इसे जियो-इलिप्टिकल ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा.

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क्यो पड़ी इसकी जरूरत?
देश के पुराना संचार उपग्रह इनसैट सैटेलाइट की उम्र अब पूरी हो रही है. देश में इंटरनेट की नई टेक्नोलॉजी आ रही है. ऑप्टिकल फाइबर बिछाए जा रहे हैं. 5जी तकनीक पर काम चल रहा है. ऐसे में ज्यादा ताकतवर सैटेलाइट की जरूरत थी. GSAT-30 सैटेलाइट इन्हीं जरूरतों को पूरा करेगा.