विक्रम लैंडर की लोकेशन मिलने से जगी उम्मीदें, अब खुलेंगे कई राज; जानें क्या
मिशन चंद्रयान-2 की असफलता के बीच आज उम्मीद जगने की खबर सामने आई है.
नई दिल्ली:
मिशन चंद्रयान-2 की असफलता के बीच आज उम्मीद जगने की खबर सामने आई है. मिशन के आखिरी पड़ाव में दिशा भटक चुके लैंडर विक्रम को खोज लिया गया है. इसरो के वैज्ञानिकों को ऑर्बिटर की थर्मल इमेजिंग से लैंडर विक्रम का पता चला है. इसरो (ISRo) का दावा है कि उसे लैंडर विक्रम की सटीक लोकेशन का पता चल गया है. हालांकि, अभी तक विक्रम लैंडर के नुकसान का पता नहीं चल सका है. लैंडर विक्रम से संपर्क साधने की कोशिश हो रही है.
यह भी पढ़ेंःभारत के लिए बड़ी खबर, लैंडर विक्रम का पता चला, आर्बिटर ने खींची तस्वीर, अभी नहीं हो पाया संपर्क
इसरो के लिए लैंडर विक्रम से संबंधित इन सवालों को जवाब पता करना बड़ी चुनौती है
- वैज्ञानिकों की पहली कोशिश ये पता लगाने की होगी कि विक्रम चांद की सतह पर लैंड कर पाया कि नहीं?.
- विक्रम लैंडर ने क्रैश किया या फिर सतह पर उतरने से पहले दिशा भटक गया?.
- अगर विक्रम लैंडर क्रैश किया तो कितना नुकसान हुआ है?.
- क्या विक्रम तक सूर्य की रोशनी पहुंच रही है या नहीं?.
- क्या सोलर एनर्जी से विक्रम लैंडर दोबारा काम कर पाएगा?.
दरअसल, विक्रम लैंडर में सोलर पैनल लगे हैं और अगर उस तक सूर्य की किरणें पहुंच रही होंगी तो उसके फंक्शनल होने की उम्मीद कई गुना बढ़ जाएगी. बता दें कि विक्रम लैंडर को ही चांद की सतह पर लैंड करना था, लेकिन महज 2.1 किलोमीटर पहले ही लैंडिंग के वक्त लैंडर का संपर्क टूट गया. ये देश की सबसे बड़ी मायूसी थी जो 7 सितंबर की रात मिशन चंद्रयान की नाकामी के बाद छलकी थी. देश मायूस हुआ, वैज्ञानिक मायूस हुए. प्रधानमंत्री मायूस हुए. लेकिन आज उस मायूसी के बीच उम्मीद की नई रोशनी आई है. जब से चंद्रयान के लैंडर विक्रम का पता चला है.
बेशक मिशन चंद्रयान-2 अधूरा रहा, लेकिन विक्रम का लोकेशन पता चलने से कई राज खुलने के आसार बन गए हैं. चंद्रयान 2 के साथ भी ऐसा ही हो रहा है, जिस विक्रम लैंडर को लेकर लोगों के मन में हजारों सवाल खड़े हो रहे थे, उसके दर्शन हो गए हैं. इसरो के वैज्ञानिकों को ये पता चल गया है कि उनके संपर्क से बाहर जाने वाला लैंडर अभी कहां हैं. ये कमाल ऑर्बिटर ने कर दिखाया है. चंद्रमा की कक्षा में घूमने वाले ऑर्बिटर ने थर्मल इमेज भेजी है. बेंगलुरू के इसरो सेंटर में मौजूद वैज्ञानिक दिन रात एक किए हैं कि किसी तरह लैंडर से संपर्क भी हो जाए.
यह भी पढ़ेंःपाकिस्तान ने भी कहा- भारत का चंद्रयान-2 मिशन रहा सफल, हमें लेनी चाहिए सीख
विज्ञान से दूर-दूर तक नाता न रखने वाले लोग भी चंद्रयान से चमत्कार होने का इंतजार कर रहे हैं. 24 घंटे पहले छाई निराशा के बीच आज आशा की कुछ रोशनी दिखने लगी है. संपर्क टूटने के 36 घंटे बाद लैंडर विक्रम की लोकेशन मिली है. चंद्रयान से उम्मीदें देश ने कल भी नहीं तोड़ी थी और आज भी नहीं तोड़ी है. इसरो चीफ ने शनिवार को कहा था कि अगले 14 दिनों से विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश करते रहेंगे.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Hanuman Jayanti 2024: हनुमान जयंती पर गलती से भी न करें ये काम, बजरंगबली हो जाएंगे नाराज
-
Vastu Tips For Office Desk: ऑफिस डेस्क पर शीशा रखना शुभ या अशुभ, जानें यहां
-
Aaj Ka Panchang 20 April 2024: क्या है 20 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह