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मैंने घोषणा नहीं की थी कि चंद्रयान 2 मिशन 98 फीसदी सफल रहा- ISRO चीफ के सिवन

एक अंग्रेजी अखबार को इंटरव्यू देते हुए डॉ. के सिवन ने अपने अगले मिशन के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि अब उनका अगला सबसे महत्वपूर्ण मिशन आदित्य-एल1 है

Updated on: 30 Sep 2019, 10:29 AM

नई दिल्ली:

इसरो के चीफ के सिवन की मानें तो उन्होंने इस बात की घोषणा कभी नहीं की कि इसरो का मिशन चंद्रयान 2, 98 फीसदी सफल रहा. बल्कि ये बयान तो राष्ट्रीय स्तर की उस कमेटी का था जो पूरे मिशन को रिव्यू कर रही थी. डॉ. के सिवन ने कहा कि इस कमेटी के मुताबिक इसरो के इस मिशन में केवल 2 फीसदी की कमी थी. ये फीसदी 98 फीसदी सफल रहा.

डॉ. के सिवन के कहा कि काफी हद तक ये बात सही है क्योंकि ये पहली बार था जब 4 टन से ज्यादा वजन के किसी सैटेलाइट को जियोस्टेशनरी सैटेलाइट ऑर्बिट में डाला. हमने पहली बार लैंडर और ऑर्बिटर को एकसाथ चांद की कक्षा में पहुंचाया. इसके अलावा पहली बार ऑर्बिटर में ऐसे पेलोड्स लगाए गए थे, जो दुनिया में पहली बार इस्तेमाल हुए.

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इन मिशन की तैयारी में इसरो

एक अंग्रेजी अखबार को इंटरव्यू देते हुए डॉ. के सिवन ने अपने अगले मिशन के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि अब उनका अगला सबसे महत्वपूर्ण मिशन आदित्य-एल1 है जो अगले साल अप्रैल में लॉन्च होगा. इससे पहले कार्टोसैट-3, रीसैट-2बीआर1 और रीसैट-2बीआर2 लॉन्च किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि ये सभी निगरानी और जासूसी उपग्रह हैं.

के सिवन के मुताबिक इस साल दिसंबर अंत तक या अगले साल की शुरुआत में स्माल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) लॉन्च करेंगे. इन सबके बाद गगनयान दिसंबर 2021 में लॉन्च करेंगे. इसके बाद 2023-24 तक शुक्र ग्रह पर सैटेलाइट छोड़ेंगे. इस मिशन के लिए हमें अभी से ही कई देशों से पेलोड्स लगाने के ऑफर आ रहे हैं.

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कब जारी होंगी ऑर्बिटर से मिली जानकारी

वहीं चंद्रयान 2 मिशन के बारे में बूात करते हुए उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर की कमेटी की पूरी जांच के बाद हम ऑर्बिटर से मिले डेटा और तस्वीरों को सार्वजनिक करेंगे. रिव्यू कमेटी पहले अपना काम पूरा करेगी और फिर अपनी रिपोर्ट पीएम मोदी को सौपेंगी.

वहीं 7 सितंबर के दिन को याद करते हुए के सिवन ने कहा कि जब मैंने पीएम मोदी को बताया की विक्रम लैंडर की लैंडिंग ठीक से नहीं हो पाई है तो उन्होंने मुझे कहा, आप चिंता मत करो. सब ठीक हो जाएगा. इसके बाद अगली सुबह वो आए और हमारी पूरी टीम को संबोधित किया और हमारा हौंसला बढ़ाया. इसके बाद जब उन्होंने मुझे गले लगाया, तब भी उन्होंने मुझे कुछ नहीं कहा.

इससे पहेल के सिवन ने चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) के लैंडर 'विक्रम' को लेकर खास जानकारी दी थी. उन्होंने कहा, 'हमारा लैंडर 'विक्रम' चंद्रमा की सतह से करीब 300 मीटर नजदीक तक पहुंच गया था. लैंडिंग का सबसे मुख्य और जटिल चरण पार हो चुका था. जब हम मिशन के एकदम अंत में थे, तभी संपर्क टूट गया. फिर उसके साथ (लैंडर के साथ) क्या हुआ, इसका पता हमारी नेशनल लेवल की एक कमेटी लगा रही है.'