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इंटरनेट सेवा बाधित होने से हर घंटे टेलीफोन कंपनियों को हो रहा 2.5 करोड़ का घाटा

सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के मुताबिक भारतीय टेलीफोन सेवा प्रदाता कंपनियों को प्रतिबंध की वजह से हर घंटे 2.5 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है.

Updated on: 28 Dec 2019, 02:13 PM

highlights

  • इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध के कारण कंपनियों को हर घंटे 2.5 करोड़ रुपए का घाटा.
  • भारतीय औसतन हर माह स्मार्टफोन पर 9.8 गीगाबाइट डाटा का उपयोग करते हैं.
  • यातायात, बैंकिंग, ऑनलाइन भुगतान पर भी पड़ रहा है नकारात्मक असर.

नई दिल्ली:

भारतीय मोबाइल सेवा प्रदाता इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध के कारण हर घंटे 2.5 करोड़ रुपए का घाटा उठा रहे हैं. नागरिकता कानून पर हिंसक विरोध-प्रदर्शनों को थामने के लिए सरकार के आदेश से इंटरनेट सेवाएं समय-समय पर प्रतिबंधित रखी जा रही हैं. गौरतलब है कि संसद में पारित होने के बाद कानून बने नागरिकता अधिनियम को लेकर बीते तीन हफ्तों से देश भर में अलग-अलग जगहों पर हिंसक विरोध-प्रदर्शन जारी है. नागरिकता रजिस्टर पर अफवाहों ने इन विरोध-प्रदर्शनों को हिंसक रूप-स्वरूप दे दिया है.

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प्रतिबंध इंटरनेट स्वतंत्रता पर हमला
इन विरोध-प्रदर्शनों पर लगाम लगाने के लिए सरकार समय-समय पर हजारों की संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती के साथ मोबाइल ऑपरेटर्स को इंटरनेट सेवाएं प्रतिबंधित करने के आदेश भी दे रही है. इस प्रतिबंध को इंटरनेट स्वतंत्रता पर हमला बता रहे कार्यकर्ता सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं. शुक्रवार को ही उत्तर प्रदेश के एक-तिहाई जिलों में इंटरनेट सेवाओं को शनिवार सुबह तक के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था. दिल्ली के कुछ इलाकों समेत गाजियाबाद में भी इंटरनेट सेवाएं बाधित रहीं.

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भारतीय हर माह उपयोग कर रहे 9.8 गीगाबाइट डाटा
भारतीय औसतन हर महीने अपने स्मार्टफोन पर 9.8 गीगाबाइट डाटा का उपयोग कर रहे हैं. इस लिहाज से भारत फेसबुक, व्हॉट्सएप सरीखे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए एक बड़ा बाजार है. ऐसे में सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के मुताबिक भारतीय टेलीफोन सेवा प्रदाता कंपनियों को प्रतिबंध की वजह से हर घंटे 2.5 करोड़ रुपए का घाटा उठाना पड़ रहा है. इस संस्था के भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसे सदस्य हैं. संस्था का मानना है कि इंटरनेट सेवाएं बाधित रहने से पहले से प्राइज वॉर में उलझे भारतीय ऑपरेटर्स को भारी घाटा उठाना पड़ रहा है.

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अन्य सेवाओं पर भी नकारात्मक असर
इंटरनेट बंद होने का सबसे बुरा असर लोगों के सफर पर भी पड़ता है. हवाई यात्रा, रेल टिकट हो या ओला-ऊबर जैसी कैब सुविधा. बिना इंटरनेट के इस सुविधाओं का इस्तेमाल लोग नहीं कर सके. इसके अलावा ज्यादातर लोग ऑनलाइन पेमेंट या फिर कार्ड से अस्पतालों में शुल्क का भुगतान करते हैं. इंटरनेट बंद होने से तुरंत इलाज में परेशानी उठानी पड़ती है. यहां तक कि इंटरनेट सुविधा बंद होने से बैंकों का काम भी प्रभावित होता है. यहीं नहीं, लोगों को बिजली,पानी का बिल, बैंक की ईएमआई जमा करने में समस्या होती है. तय समय में बिलों को नहीं भरने पर जुर्माना लगता है.