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Mission Shakti के बाद अब Space War के लिए तैयार भारत, पढ़िए पूरी Detail

अभी एशिया में चीन अंतरिक्ष में काफी एक्टिव है और अपनी पैठ बनाए हुए है. इस स्थिति में भारत का अंतरिक्ष में न होना भारत के लिए मुसीबत बन सकता है क्योंकि स्पेस में ही सेटेलाइट कम्यूनिकेशन, नेविगेशन और निगरानी जैसी सभी महत्वपूर्ण चीजें होती हैं.

Updated on: 24 Jul 2019, 11:24 AM

highlights

  •  मिशन शक्ति की सफलता से उत्साहित भारत अब स्पेस वार के लिए तैयार.
  • स्पेस में भारत का पड़ोसी देश चाइना काफी एक्टिव है.
  • भारत ने हाल ही में च्रंद्रयान 2 का सफल प्रक्षेपण किया है. 

नई दिल्ली:

'मिशन शक्ति' (Mission Shakti) की शानदार सफलता के बाद, भारत अपने पहले अंतरिक्ष युद्ध अभ्यास को शुरू करने के लिए तैयार है. भारत की तीनों सेनाएं रक्षा मंत्रालय के तहत ड्रिल का संचालन करने और ऐसी किसी भी घटना की भविष्य की योजना तैयार करने के लिए मिलकर काम करेंगी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, अंतरिक्ष युद्ध अभ्यास को ’IndSpaceEx’ नाम दिया गया है और यह गुरुवार और शुक्रवार को आयोजित किया जाएगा. इस साल मार्च में, भारत ने दुनिया को दिखाया कि जब वह पृथ्वी की निचली कक्षा में एक मिसाइल को मार गिराता है तो उसके पास उपग्रह-रोधी क्षमता होती है.

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मिशन के बारे में मुख्य विवरण देते हुए, पीएम मोदी ने पृथ्वी की कक्षा से कम दूरी वाले उपग्रह के सफल परीक्षण के साथ भारत की एंटी-सैटेलाइट मिसाइल प्रणाली की घोषणा की. भारत ऐसी विशिष्ट और आधुनिक क्षमता हासिल करने वाला केवल चौथा देश है. संपूर्ण प्रयास स्वदेशी है. भारत एक अंतरिक्ष शक्ति के रूप में तरक्की कर रहा है. ये प्रयास भारत को और अधिक सुरक्षित बना देगा, और शांति और सद्भाव को आगे बढ़ाएगा.

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‘IndSpaceEx’ अभ्यास भारतीय सशस्त्र बलों को अंतरिक्ष में युद्ध क्षेत्र का परीक्षण करने में मदद करेगा और यह चेक करेगा कि भारतीय आसमान की रक्षा के लिए A-Sat क्षमताओं का उपयोग कैसे किया जा सकता है. यह अभ्यास ऐसे समय में हुआ है जब भारत का पड़ोसी चीन इस क्षेत्र में आक्रामक रूप से बढ़ रहा है. मिशन शक्ति के फौरन बाद, बीजिंग ने अपनी A-Sat क्षमताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक जहाज से कई मिसाइलें लॉन्च की थीं.
अभी एशिया में चीन अंतरिक्ष में काफी एक्टिव है और अपनी पैठ बनाए हुए है. इस स्थिति में भारत का अंतरिक्ष में न होना भारत के लिए मुसीबत बन सकता है क्योंकि स्पेस में ही सेटेलाइट कम्यूनिकेशन, नेविगेशन और निगरानी जैसी सभी महत्वपूर्ण चीजें होती हैं.

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यदि किसी भी देश में युद्ध की स्थिति आती है तो स्पेस वॉरफेयर काफी अहम हो जाते हैं और ड्रोन वगैरह का उपयोग काफी अच्छी तरह से किया जा सकता है लेकिन अगर इन्ही सेटेलाइट्स को नष्ट कर दिया जाए तो वो देश अपंग हो जाता है. इस दिशा में भारत काफी प्रयासरत है. वैश्विक दृष्टिकोण से अमेरिका, चीन, रुस ये सारे देश अंतरिक्ष में काफी आगे निकल चुके हैं लेकिन भारत भी अपनी ओर से किए गए प्रयासों से काफी नाम कमा रहा है. अभी हाल ही में भारत में च्रंद्रयान 2 का सफल प्रक्षेपण किया है जो अभी तक सफलतापूर्वक अपने मार्ग पर है.