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DFRL ने Astronauts के लिए तैयार किए खास व्यंजन, साल भर तक नहीं होंगे खराब

इन व्यंजनों में एग रोल, वेज रोल, मूंग दाल का हलवा, समेत दर्जन से भी ज्यादा व्यंजनों को शामिल किया गया है. इसके अलावा एक फूड हीटर भेजा जाएगा.

Updated on: 07 Feb 2020, 11:58 AM

highlights

  • गगनयान मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों को 60 किलो सूखा राशन और 100 लीटर पानी दिया जाएगा.
  • इन व्यंजनों में एग रोल, वेज रोल, मूंग दाल का हलवा, समेत दर्जन से भी ज्यादा व्यंजन शामिल.
  • डीएफआरल प्रयोगशाला में तैयार ये खास भोजन लगभग एक साल तक खाने लायक रहते हैं.

नई दिल्ली:

गगनयान (Gaganyaan) में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों (Astronauts) के लिए डिफेंस फूड रिसर्च लैबोरेटरी (DFRL) ने विशेष प्रकार के पौष्टिक भारतीय व्यंजन (Indian Cuisine) तैयार किए हैं, जिससे वे सेहतमंद (Healthy) रहेंगे और उन्हें ऊर्जा (Energy) भी मिलेगी. डिफेंस एक्सपो (Defence Expo) में डीएफआरएल ने पौष्टिक व्यंजनों की कई किस्में प्रदर्शित की हैं. इन किस्मों को गगनयान में अंतरिक्ष यात्रियों में साथ भेजा जाना है, ताकि वे सेहतमंद रहें और उन्हें ऊर्जा मिलती रहे.

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सूखा राशन और पानी भी
हिंदुस्तानी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ऐसा खाना तैयार किया गया है, जो उन्हें अनोखा स्वाद देगा. उन्हें भोजन के साथ टेस्ट मेकर मसाले के पैकेट भी दिए जाएंगे. गगनयान मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों को 60 किलोग्राम सूखा राशन और 100 लीटर पानी भी दिया जाएगा. मिशन के दौरान यात्रियों को खाने के लिए भोजन यहीं से भेजा जाएगा. इन तैयार व्यंजनों को अब जांच के लिए इसरो भेजा जाना है. यह खाना विशेष डिस्पोजल पैकेजिंग मैटेरियल में पैक किया गया है, ताकि यह भोजन दूषित न हो. अंतरिक्ष यात्रियों को पैकेट फूड के अलावा न्यूट्रीशन बार, बादाम, गरी, आदि भी दिए जाएंगे, ताकि ब्रेक के दौरान वे इसे स्नैक के तौर पर खा सकें.

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कैलोरी का भी रखा ध्यान
डिफेंस एक्सपो में ये व्यंजन बड़ी सावधानी से चुने गए. इन व्यंजनों में ब्रेड को नहीं चुना गया है. ब्रेड अंतरिक्ष में बिखर सकती है. इसके अलावा यात्रियों को कैलोरी कितनी देनी है, इसका भी ध्यान रखा गया है. इन व्यंजनों में एग रोल, वेज रोल, मूंग दाल का हलवा, समेत दर्जन से भी ज्यादा व्यंजनों को शामिल किया गया है. इसके अलावा एक फूड हीटर भेजा जाएगा, जो अंतरिक्ष यात्रियों को गर्म रखेगा. डीएफआरल ने इन यात्रियों के लिए विशेष कंटेनर बनाए हैं, जिसका इस्तेमाल पानी और जूस रखने के लिए कर पाएंगे. अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण शून्य होती है, इस लिहाज से सारी व्यवस्था की गई है.

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एक साल तक नहीं होंगे खराब
डीएफआरएल के वैज्ञानिक ओ.पी. चौहान ने बताया, 'हमारी प्रयोगशाला में तैयार ये खास भोजन लगभग एक साल तक खाने लायक रहते हैं. इसकी पैकिंग और बनाने में विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. चटनी के लिए विशेष प्रकार के पाउडर बनाए गए हैं. जरूरत के हिसाब से ही उन्हें खाना मिलेगा. सॉफ्टी कटोरी और चम्मच भी बनाए गए हैं, जिन्हें भोजन के बाद चबाकर खाया जा सकता है. हम लोग प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करते.' गौरतलब है कि डीएफआरएल की प्रयोगशाला में बने खाद्य पदार्थ कठिन परिस्थितियों में रहने वाले जवानों को पहले से परोसा जा रहा है. आर्मी, नेवी, एयरफोर्स के अलावा अन्य पैरामिलिट्री फोर्स में जहां मुश्किल हालत होते हैं, वहां इसकी सप्लाई हो रही है.

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रूस में चल रहा है प्रशिक्षण
भारत 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजकर एक नया रिकार्ड बनाने जा रहा है. वर्ष 2022 के मुख्य मिशन से पहले भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो मानव रहित टेस्ट मिशन भेजने जा रही है, जिसकी शुरुआत इस साल के अंत में होने की संभावना है. भारत एक रोबोट को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी कर रहा है. इसके मुख्य मिशन में भारत तीन अंतरिक्ष यात्रियों को अपने गगनयान मिशन में भेजने वाला है. इसके लिए भारतीय वायुसेना के चार फाइटर पायलट को एस्ट्रोनॉट की ट्रेनिंग देने के लिए चुना गया है. वे फिलहाल रूस में ट्रेनिंग ले रहे हैं.