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Chandrayaan2: 20 घंटे का काउंट डाउन शुरू, सोमवार सुबह चांद की ओर जाएगा 'फैट ब्वॉय'

रविवार सुबह 6 बजकर 51 मिनट पर चंद्रयान-2 के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है. यह काउंटडाउन 20 घंटे चलेगा.

Updated on: 14 Jul 2019, 10:16 AM

highlights

  • रविवार सुबह 6 बजकर 51 मिनट पर चंद्रयान-2 के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया.
  • 15 जुलाई को अल सुबह 2 बजकर 51 मिनट पर श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा.
  • 16 मिनट की उड़ान के बाद रॉकेट इस यान को पृथ्वी की बाहरी कक्षा में पहुंचा देगा.

नई दिल्ली.:

रविवार सुबह 6 बजकर 51 मिनट पर चंद्रयान-2 के लिए काउंटडाउन शुरू हो गया है. यह काउंटडाउन 20 घंटे चलेगा. इसके बाद इसरो का सबसे भारी रॉकेट जियोसिंक्रोनस सेटेलाइट लांच व्हीकल-मार्क 3 (जीएसएलवी-एमके3) यान को लेकर रवाना होगा. यह 15 जुलाई को अल सुबह 2 बजकर 51 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन सेंटर से लॉन्च होगा. काउंटडाउन के दौरान रॉकेट और यान के पूरे सिस्टम को जांचा जाएगा. साथ ही रॉकेट में ईंधन भी भरा जाएगा.

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चांद पर यान उतारने वाला चौथा देश
चंद्रयान 2 की लांचिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन प्रक्षेपण केंद्र से होगी. अभियान की सफलता के साथ ही चांद पर यान उतारने वाला भारत चौथा देश बन जाएगा. इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस अपने यान चांद पर उतार चुके हैं. भारत ने 2008 में चंद्रयान-1 भेजा था, जिसने 10 माह तक चांद की परिक्रमा करते हुए प्रयोगों को अंजाम दिया था. चांद पर पानी की खोज का श्रेय इसी अभियान को जाता है. इसरो प्रमुख डॉ. के सिवन ने बताया कि इस मिशन की सारी प्रक्रियाएं सुचारू रूप से जारी हैं.

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15 मंजिल ऊंचा है 'फैट ब्वॉय'
640 टन वजनी जीएसएलवी मार्क-III रॉकेट को तेलुगु मीडिया ने 'बाहुबली' तो इसरो ने 'फैट बॉय' (मोटा लड़का) नाम दिया है. 375 करोड़ की लागत से बना यह रॉकेट 3.8 टन वजनी चंद्रयान-2 को लेकर उड़ेगा. चंद्रयान-2 की लागत 603 करोड़ है. इसकी ऊंचाई 44 मीटर है जो कि 15 मंजिली इमारत के बराबर है. यह रॉकेट चार टन वजनी सेटेलाइट को आसमान में ले जाने में सक्षम है. इसमें तीन चरण वाले इंजन लगे हैं. अब तक इसरो इस श्रेणी के तीन रॉकेट लांच कर चुका है. 2022 में भारत के पहले मानव मिशन में भी इसी रॉकेट का इस्तेमाल किया जाएगा. चंद्रयान-2 के 6 या 7 सितंबर को चांद की सतह पर उतरने का अनुमान है. 16 मिनट की उड़ान के बाद रॉकेट इस यान को पृथ्वी की बाहरी कक्षा में पहुंचा देगा. फिर इसे चांद की कक्षा तक पहुंचाया जाएगा.

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अनछुए हिस्से पर पहुंचेगा यान
चंद्रयान-2 अपनी तरह का पहला मिशन है जो चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र के उस क्षेत्र के बारे में जानकारी जुटाएगा जो अब तक अछूता है. यह चांद के जिस दक्षिणी ध्रुव वाले क्षेत्र में उतरेगा, वहां अब तक किसी देश ने अभियान को अंजाम नहीं दिया है. यह अभियान इस हिस्से को समझने और चांद के विकासक्रम को जानने में मददगार होगा. क्षेत्र में कई विशाल क्रेटर हैं, जिनमें सौर व्यवस्था के बहुत शुरुआती समय के प्रमाण मिलने की उम्मीद है. इसरो के चेयरमैन के. सिवन ने बताया कि अभियान में 30 फीसद महिलाओं ने भूमिका निभाई है. प्रोजेक्ट डायरेक्टर एम. वनिता और मिशन डायरेक्टर रितु करिधल हैं.