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भारतीय सीमाओं की सुरक्षा करेंगी अंतरिक्ष में इसरो की आंख, लांच होने जा रहा है कार्टोसेट-3

लांच होने वाले कुल तीन सैटेलाइट में से एक 25 नवंबर को लांच किया जाएगा, जबकि दो दिसंबर में लांच किए जाने हैं. इन सैटेलाइट को सीमा सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

Updated on: 19 Nov 2019, 07:39 AM

highlights

  • लांच होने वाले कुल तीन सैटेलाइट में से एक 25 नवंबर को लांच किया जाएगा.
  • कार्टोसेट-3 को अंतरिक्ष में 509 किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित किया जाना है.
  • इस साल में हुए सभी सैटेलाइट लांच सैन्य उद्देश्य से हुए हैं.

New Delhi:

भारतीय सीमाएं अब अभेद होने जा रही हैं. इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) अर्थ ऑब्जर्वेशन या सर्विलांस सैटेलाइट लांच करने की तैयारी कर रहा है. लांच होने वाले कुल तीन सैटेलाइट में से एक 25 नवंबर को लांच किया जाएगा, जबकि दो दिसंबर में लांच किए जाने हैं. इन सैटेलाइट को सीमा सुरक्षा के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है. जानकारों का मानना है कि सीमा सुरक्षा के लिए ये सैटेलाइट अंतरिक्ष में भारत की आंख का काम करेंगी.

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25 नवंबर को होगा पहला सैटेलाइट लांच
पीएसएलवी सी-47 रॉकेट को श्रीहरिकोटा से 25 नवंबर को 9 बजकर 28 मिनट पर लांच किया जाएगा. यह पीएसएलवी अपने साथ थर्ड जनरेशन की अर्थ इमेजिंग सैटेलाइट कार्टोसेट-3 और अमेरिका के 13 कॉमर्शियल सैटेलाइट लेकर जाएगा. इसरो का कहना है कि 13 अमेरिकी नैनोसैटलाइट लांच करने की डील पहले ही हाल ही में बनाई गई व्यावसायिक शाखा न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड ने की थी. कार्टोसेट-3 को अंतरिक्ष में 509 किलोमीटर दूर कक्षा में स्थापित किया जाना है.

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दिसंबर में होंगे दो सैटेलाइट और लांच
इसके बाद इसरो दो और सर्विलांस सैटलाइट लांच करेगा. रीसैट-2 बीआर 1 और रीसैट 2 बीआर 2. इन्हें पीएसएलवीसी 48 और सी 49 की मदद से दिसंबर में श्रीहरिकोटा से लांच किया जाना है. इससे पहले एजेंसी ने 22 मई को रीसैट-2बी और 1 अप्रैल को ईएमआईसैट (शत्रु के रडार पर नजर रखने के लिए बनाई गई सैटेलाइट) लांच की गई थी. उस दौरान चंद्रयान-2 मिशन के कारण ऑपरेशनल सैटेलाइट की लॉन्चिंग में इतना समय लगा. इसरो के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा जब श्रीहरिकोटा से साल में हुए सभी सैटेलाइट लांच सैन्य उद्देश्य से हुए हैं.