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बिना परमिशन Drone उड़ाने पर जा सकते हैं जेल, आज से शुरू हो रहे हैं रजिस्ट्रेशन

योजना के एक महीने के भीतर शुरू होने की उम्मीद है.

Updated on: 08 Dec 2018, 02:26 PM

नई दिल्ली:

ड्रोन उड़ाने के लिए देश में नए नियम तय कर दिए गए हैं. शनिवार से इस पॉलिसी को लागू किया जा रहा है. नए नियमों के मुताबिक, 250 ग्राम से ज्यादा वजनी ड्रोन को उड़ाने के लिए मंजूरी लेना जरूरी होगा. डायरेक्टोरेट ऑफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) DGCA में इसका रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा. हालांकि, 250 ग्राम से कम वजनी ड्रोन को उड़ाने के लिए किसी तरह की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी, लेकिन इन्हें 50 फीट से ज्यादा उंचाई पर नहीं उड़ा सकेंगे.

नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि शनिवार से ड्रोन के इस्तेमाल के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो जाएगा. यह एक ऐतिहासिक दिन होगा. उन्होंने कहा, अन्य जरूरतों के साथ-साथ एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल तक प्रत्यारोपण के लिए अंग ले जाने में भी इन ड्रोन का इस्तेमाल होगा. योजना के एक महीने के भीतर शुरू होने की उम्मीद है. सिन्हा ने अपनी बात आगे रखते हुए कहा कि प्रत्यारोपण के लिए अंग ले जाने में समय की पाबंदी होती है. एक निश्चित समय के भीतर अंग को एक शरीर या ‘ऑर्गन बैंक’ से निकालकर जरूरतमंद मरीज के शरीर में लगाना होता है. सड़क मार्ग की तुलना में ड्रोन से इन अंगों को पहुंचाने में बहुत आसानी होगी. केंद्रीय राज्यमंत्री ने बताया कि इस उद्देश्य के लिए अस्पतालों में ‘ड्रोन पोर्ट’ बनाए जाएंगे, जहां ड्रोन के उतरने और उड़ान भरने की विशेष सुविधा होगी. इसके अलावा हवा में विशेष ‘एयर कॉरिडोर’ बनाए जाएंगे. इस मार्ग से अंगों को कम से कम समय में एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा.

ड्रोन्स को कुल पांच कैटिगरी में बांटा गया है

1. नैनो : 250 ग्राम से कम या बराबर
2. माइक्रो: 250 ग्राम से 2 किलोग्राम के बीच
3. स्माल: 2 किलोग्राम से 25 किलोग्राम के बीच
4. मीडियम: 25 किलोग्राम से 150 किलोग्राम के बीच
5. लार्ज : 150 किलोग्राम से ज्यादा

वेडिंग फोटोग्राफी के लिए लेनी होगी मंजूरी

पार्टी या किसी शादी फंक्शन के लिए ड्रोन से फोटोग्राफी करने के लिए मंजूरी लेना जरूरी होगा. ड्रोन के इस्तेमाल से 24 घंटे पहले इस बात की जानकारी स्थानीय थाने को देनी होगी, लेकिन 60 मीटर से ऊपर ड्रोन को नहीं उड़ा सकेंगे. इसके साथ ही ड्रोन को सिर्फ दिन में ही उड़ा सकते हैं. रात में इस्तेमाल के लिए डीजीसीए से अनुमति लेनी होगी.

आखिर क्यों ड्रोन्स पैदा कर सकते हैं मुश्किलें

इसके बहुत ही आसान से उदाहरण हैं.

1.देश में बढ़ते ड्रोन के इस्तेमाल से भारत सरकार को लगता है कि ड्रोन्स आतंकी गतिविधियों में बहुत आसानी से इस्तेमाल किए जा सकते हैं और ये बिलकुल सही बात है.

2. भारत जैसे देश में जहां लोग बहुत ज्यादा हैं और जगह बहुत कम वहां लोगों की प्राइवेसी ड्रोन से खतरे में पड़ सकती है. उड़ने वाले कैमरे का बहुत गलत इस्तेमाल हो सकता है और जब तक सरकार इसके ठोस नियम और नियमों का उलंघन करने वाले के लिए सज़ा नहीं तय कर देती इसका आम लोगों के लिए इस्तेमाल थोड़ा खतरनाक साबित हो सकता है.

3. नो फ्लाइंग जोन का कारण भी कुछ ऐसा ही है. कईं एयरपोर्ट, किसी रिहायशी इलाके आदि के पास अगर ड्रोन उड़ते हैं तो प्राइवेसी के साथ-साथ सुरक्षा को भी खतरा हो सकता है.