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दीवार के आर-पार देखना होगा संभव, गाजियाबाद के उत्कृष्ट ने अमेरिका में किया कमाल

अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में पीएचडी पूरी करने वाले उत्कृष्ट ने ईंट और कंक्रीट की मोटी दीवार के दूसरी तरफ छिपी हुई जीचों को देखने की लेजर तकनीक ईजाद कर ली है।

Updated on: 13 Aug 2018, 07:28 PM

नई दिल्ली:

गाजियाबाद के 30 साल के उत्कृष्ट गुप्ता ने दीवार के आर-पार देखने की ऐसी तकनीक विकसित की है जो आने वाले समय में खासतौर पर सेना के आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे मुहिम में अहम भूमिका निभाएगी।अमेरिका में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में पीएचडी पूरी करने वाले उत्कृष्ट ने ईंट और कंक्रीट की मोटी दीवार के दूसरी तरफ छिपी हुई जीचों को देखने की लेजर तकनीक ईजाद कर ली है। इस तकनीक के जरिए दीवार के पीछे छिपे व्यक्ति या किसी वस्तु का पता लगाना बेहद आसान हो जाएगा।

दीवार के पीछे मौजूद किसी आदमी या वस्तु का लेजर की मदद से 3 डी इमेज बनाकर उसकी पहचान की जा सकेगी। उत्कृष्ट का यह आविष्कार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुका है।

इस ऩई तकनीक की मदद से न सिर्फ आतंकवादियों को पकड़ने में मदद मिलेगी बल्कि आग लगने या भूकंप आने जैसी आपदाओं में भी इसके जरिए नकुसान को कम से कम किया जा सकेगा। उत्कृष्ट के मुताबिक करीब 10 सालों के बाद यह तकनीक आम लोगों के लिए उपलब्ध हो जाएगी।

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अपने रिसर्च और तकनीक को लेकर उत्कृष्ट ने बताया कि फोटॉन के इरेक्टिव बिहेवियर के अध्ययन के दौरान पाया कि फोटॉन किसी भी चीज से टकराकर इधर-उधर छिटकते रहते हैं। उनकी गति और दिशा को एडवांस ऑप्टिक्स के साथ संयोजित कर दीवार के पीछे छिपी वस्तु की 3 डी इमेज बनाई जा सकती है और पता लगाया जा सकता है कि दीवार के पीछे क्या है।

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उत्कृष्ट ने अपने इस आविष्कार को लेकर बताया कि वो भविष्य में 3 डी प्रोजेक्टिव डिस्प्ले के एल्गोरिदन डिजाइन करने भी काम कर रहे हैं।