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ISRO अपने सबसे भारी रॉकेट GSLV Mk III को पांच जून को करेगा लॉन्च, जानिए क्या है खासियत

जीएसएलवी मार्क3 रॉकेट जीसैट-19 उपग्रह को ले जाएगा, जिसका वजन 3,136 किलोग्राम है। इसरो के मुताबिक, जीएसएलवी मार्क3 (जीएसएलवी-एमके3) रॉकेट को पांच जून को शाम 5.28 बजे छोड़ा जाएगा।

Updated on: 31 May 2017, 09:47 AM

नई दिल्ली:

भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) पांच जून को अपने सबसे भारी रॉकेट के जरिए संचार उपग्रह जीसैट-19 को लॉन्च करेगा। इसरो के मुताबिक, जीएसएलवी मार्क3 (जीएसएलवी-एमके3) रॉकेट को पांच जून को शाम 5.28 बजे छोड़ा जाएगा। यह रॉकेट भौगोलिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) तक चार टन वजन ढोने में सक्षम है।

माना जा रहा है कि मानव को अंतरिक्ष में भेजने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। रॉकेट जीसैट-19 उपग्रह को ले जाएगा, जिसका वजन 3,136 किलोग्राम है।

इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से छोड़ा जाएगा। जीएसएलवी-एमके3-डी1 त्रिस्तरीय रॉकेट है, जिसमें दो स्ट्रैप-ऑन सॉलिड मोटर, एक द्रव्य प्रोपेलेंट कोर स्टेज और एक क्रायोजेनिक स्टेज (सी25) लगा है।

जीसैट-19 में केए/केयू बैंड संचार ट्रांसपोंडर लगे हैं। इसके अलावा, इसमें भूस्थिर विकिरण स्पेक्ट्रोमीटर (जीआरएएसपी) लगा है, जो आवेशित कणों की प्रकृति तथा उपग्रह व उनके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर विकिरण के प्रभाव का अध्ययन करता है।

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जीसैट-19 में कुछ अति उन्नत विमान प्रौद्योगिकी लगे हैं, जिसमें हीट पाइप, फाइबर ऑप्टिक जायरो, माइक्रो-मैकेनिकल सिस्टम्स (एमईएमएस) एक्सीलेरोमीटर लगे हैं। साथ ही यह केयू-बैंड टीटीसी ट्रांसपोंडर और एक स्वदेशी लीथियम आयन बैटरी से लैस है।

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