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ब्लड मून: 27 जुलाई को पड़ेगा 21वीं सदी का सबसे बड़ा चंद्र गहण, पृथ्वी के करीब पहुंचेगा मगंल

ठीक एक महीने बाद, अगर हम खुश किस्मत रहे और आकाश में बादलों का घेरा घना नहीं रहा तो शायद हमें एक बार फिर ब्लड मून (रक्तिम चांद) का दीदार हो सके।

Updated on: 26 Jul 2018, 08:32 PM

नई दिल्ली:

ठीक एक महीने बाद, अगर हम खुश किस्मत रहे और आकाश में बादलों का घेरा घना नहीं रहा तो शायद हमें एक बार फिर ब्लड मून (रक्तिम चांद) का दीदार हो सके। इस सदी का सबसे बड़ा चंद्र गहण 27 जुलाई 2018 को पड़ने वाला है।

यह इस सदी का सबसे बड़ा ग्रहण माना जा रहा है जो 100 मिनट से ज्यादा रहेगा। माना जा रहा है कि यह 27 जुलाई को शाम 7: 30 बजे से शुरू होकर रात 9:13 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पृथ्‍वी का उपग्रह यानी कि चंद्रमा खूबसूरत लाल या भूरे रंग का दिखाई देगा।

ग्रहण को उत्तरी अमेरिका में नहीं देखा जा सकता है। नासा के वैज्ञानिक नोहा पेट्रो के मुताबिक अफ्रीका, मिडिल ईस्ट, दक्षिणी एशिया और भारत में इसे खुली आंखों से देखा जा सकता है।

ब्लड मून क्या होता है

चंद्रग्रहण के दौरान चांद लाल दिखता है जिसे ब्लड मून अर्थात रक्तिम चांद कहा जाता है। पूर्ण चंद्रग्रहण के दौरान चांद जब धरती की छाया में रहता है तो इसकी आभा रक्तिम हो जाती है जिसे रक्तिम चंद्र या लाल चांद कहते हैं। ऐसा तब होता है जब चांद पूरी तरह से धरती की आभा में ढक जाता है।

पृथ्वी के करीब पहुंचेगा मंगल

जुलाई में पड़ने वाले चंद्र ग्रहण के दौरान मंगल 15 सालों में पृथ्वी के सबसे करीब होगा। 2003 के बाद मंगल पृथ्वी के सबसे निकट बिंदु के पास आ जाएगा। अंतरिक्ष में मंगल, पृथ्वी और सूर्य एक सीध में होंगे, जिसके चलते मंगल पृथ्वी के करीब होगा।

इस दौरान सूर्य का प्रकाश मंगल पर पूरी तरह से पड़ने से इसे पृथ्वी से अच्छी तरह से देखा जा सकेगा। साल 2003 में ऐसा लगभग 60,000 वर्षों में हुआ था।