logo-image

ISRO गुवाहाटी में खोलेगा रिसर्च सेंटर, GPS और प्राकृतिक आपदाओं पर होगा अनुसंधान

आधुनिक आविष्कारों और खोजों के कारण दुनिया भर में विख्यात भारत की एजेंसी 'अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो)' देश के विकास की ओर अपना एक और कदम बढ़ाते हुए शोध केन्द्र स्थापित करने जा रही है।

Updated on: 06 Oct 2017, 10:10 AM

गुवाहाटी:

आधुनिक आविष्कारों और खोजों के कारण दुनिया भर में विख्यात भारत की एजेंसी 'अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो)' देश के विकास की ओर अपना एक और कदम बढ़ाते हुए शोध केन्द्र स्थापित करने जा रही है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) स्टार्ट अप, अकादमिक जगत के लोगों, पर्यावरणविदों और उद्यमियों के लिए एक शोध केंद्र खोलेगा। 

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) शिक्षाविदों, पर्यावरणविदों और उद्यमियों के लिए एक यहां एक रिसर्च सेंटर की स्थापना करेगी। उन्होंने यह घोषणा इसरो के अध्यक्ष ए.एस. किरन कुमार के साथ लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बैठक के बाद की।

इसरो असम में इस तरह की रिसर्च सुविधा का निर्माण पहली बार कर रहा है। इससे भूस्थानिक प्रोद्यौगिकी जिसमें ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (जीपीएस) की मदद से डाटा उत्पन्न करना, भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईसी) और असम में विकास का विस्तार करने के लिए सैटेलाइट रिमोट सेसिंग के संभावनाओं का पता लगाने में मदद मिलेगी। 

यह भी पढ़ें : NGT का निर्देश, तत्काल प्रभाव से जंतर मंतर पर होने वाले विरोध प्रदर्शनों पर लगे रोक

इस रिसर्च सुविधा में रिमोट सेंसिंग प्रोद्यौगिकी का इस्तेमाल कर बाढ़ चेतावनी प्रणाली, मिट्टी का क्षरण और भूस्खलन समेत अन्य प्रकृतिक आपदाओं का सटीक पता लगाने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा।

बैठक के दौरान, सोनोवाल ने इसरो अध्यक्ष से राज्य के संपूर्ण विकास के लिए एकीकृत अंतरिक्ष प्रोद्यौगिकी स्थापित करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें बताया कि इस अध्ययन केंद्र के लिए राज्य सरकार इसरो को मुफ्त में जमीन मुहैया कराएगी।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अंतरिक्ष विभाग के साथ राज्य में अंतरिक्ष प्रोद्यौगिकी के विकास की संभावनाओं को तलाशने के लिए समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर करेगी।

यह भी पढ़ें : हनीप्रीत की गिरफ्तारी पर पंजाब और हरियाणा सरकार में तकरार, खट्टर ने लगाए कई आरोप