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Republic Day 2019: संविधान लागू होने के बाद अब तक हुए हैं ये महत्वपूर्ण संशोधन

संविधान (124वां संशोधन) विधेयक 2019 पारित कर सरकार ने सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा संस्थानों में आर्थिक रूप से गरीब तबकों को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया है.

Updated on: 26 Jan 2019, 11:49 PM

नई दिल्ली:

भारत 26 जनवरी को अपना 70वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है. विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत पिछले 70 सालों से सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्तर पर सुचारू रूप से चल रहा है तो सिर्फ अपने मजबूत संविधान की वजह से. आजादी के बाद सन 1950 में भारतीय संविधान 26 जनवरी को ही लागू किया गया था. 10 देशों की मदद के साथ बनाए गए मूल संविधान में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूची शामिल किए गए थे. देश की नीतियों में बदलाव और सुधार के लिए संविधान में समय-समय पर संशोधन किए जाते हैं ताकि वर्तमान हालात की जरूरतों को पूरा किया जा सके.

अभी हाल ही में संविधान (124वां संशोधन) विधेयक 2019 पारित कर सरकार ने सरकारी नौकरी और उच्च शिक्षा संस्थानों में आर्थिक रूप से गरीब तबकों को 10 फीसदी आरक्षण देने का प्रावधान किया जो इस साल से पूरे देश में लागू होने जा रहा है. इससे पहले भी पूर्ववत सरकारों ने संविधान में संशोधन कर व्यवस्था में खामियों को दूर करने और समय के साथ हो रहे बदलावों को लागू करने का प्रयास किया.

भारतीय संसद द्वारा संविधान में किए गए कुछ महत्वपूर्ण संशोधन

1. पहला संशोधन- संविधान में पहला संशोधन संविधान लागू किए जाने के एक साल बाद ही 1951 में किया गया था. जिसके तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर कुछ उचित प्रतिबंधों जोड़ा गया था. संशोधन के जरिये अनुच्छेद 15, 19, 85, 87, 174, 176, 341, 372 और 376 में बदलाव/जोड़ा गया था. साथ ही इस संशोधन के जरिये 9वीं अनुसूची को लाया गया था.

2. सातवां संशोधन- इसके जरिये भाषायी आधार पर राज्यों का पुनर्गठन किया गया. राज्यों की श्रेणियों को खत्म कर केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया. संविधान के अनुच्छेद 3 में संशोधन किया गया.

3. आठवां संशोधन- इस संशोधन के जरिये लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और एंग्लो इंडियन के लिए आरक्षित सीटों की अवधि को 1970 तक (10 साल अधिक) बढ़ाया गया.

4. 10वां और 12वां संशोधन- 10वें संविधान संशोधन के जरिये पुर्तगालियों से आजाद हुए दादर और नगर हवेली को भारतीय संघ में शामिल किया गया. वहीं 12वें संशोधन से गोवा, दमन व दीव को भारत में केंद्रशासित प्रदेश के रूप में विलय किया गया. इसके लिए संविधान की पहली अनुसूची में संशोधन किया गया.

5. 18वां संशोधन- इसके अंतर्गत पंजाब राज्य का भाषायी आधार पर पुनर्गठन करके पंजाब के अतिरिक्त हिंदी भाषी हरियाणा राज्य बनाया गया. चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया.

6. 21वां और 22वां संशोधन- 21वें संशोधन के जरिये संविधान की 8वीं अनुसूची में सिंधी को आधिकारिक भाषा के रूप में जोड़ा गया. वहीं 22वें संशोधन के जरिये असम से अलग करके एक नया राज्य मेघालय बनाया गया.

7. 24वां संशोधन- 1971 में लाए गए इस महत्वपूर्ण संविधान संशोधन के जरिये संसद को मौलिक अधिकारों के साथ-साथ संविधान के किसी भी भाग में संशोधन करने का अधिकार दिया गया.

8. 31वां संशोधन- इसके जरिये संसद के निम्न सदन यानी लोकसभा के सदस्यों की संख्या 525 से बढ़ाकर 545 कर दी गई थी. लोकसभा में केंद्रशासित प्रदेशों के प्रतिनिधित्व को 25 से घटाकर 20 कर दिया गया था. इसके तहत संविधान के अनुच्छेद 81, 330 और 332 में संशोधन किया गया था.

9. 42वां संशोधन- इस महत्वपूर्ण संशोधन के जरिये संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और अखंडता शब्दों को जोड़ा गया था. इन शब्दों को जोड़ने का मुख्य उद्देश्य देश में अल्पसंख्यकों को सुरक्षित करने और समानता को बढ़ावा देना था. इस संविधान संशोधन को 'छोटा संविधान' भी कहा जाता है क्योंकि इसके जरिये संविधान के कई अनुच्छेदों में संशोधन किए गए थे. इसके अलावा अनुच्छेद 51 (ए) के जरिये संविधान में मौलिक कर्तव्यों को जोड़ा गया था.

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10. 44वां संशोधन- इसके अंतर्गत संपत्ति के अधिकार को मौलिका अधिकार से हटा दिया गया था. लोकसभा और विधानसभा के कार्यकाल को दोबारा 5 साल कर दिया गया था. (42वं संविधान संशोधन में कार्यकाल को 5 से 6 साल किया गया था.)

11. 61वां संशोधन- इसके जरिये संविधान के अनुच्छेद 326 में संशोधन कर मतदान करने की उम्र को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किया गया.

12. 79वां संशोधन- सन 2000 में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और एंग्लो इंडियन के लिए संसद और राज्य विधानसभा में आरक्षित सीटों की अवधि 10 सालों के लिए यानी 2010 तक बढ़ाई गई थी.

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13. 86वां संशोधन- इसके जरिये 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा व्यवस्था देने का प्रावधान मौलिक धिकार के रूप में किया गया था. इसमें संविधान के अनुच्छेद 45 और 51 (ए) में संशोधन किया गया और अनुच्छेद 21(ए) को जोड़ा गया.

14. 91वां संशोधन- इसके जरिये केंद्र और राज्य में मंत्रिपरिषद में सदस्यों की संख्या लोकसभा या उस राज्य की विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के 15 फीसदी तक सीमित किया गया. साथ ही छोटे राज्य जहां सदस्यों की संख्या कम है वहां मत्रियों की अधिकतम संख्या 12 तय की गई.

15. 101वां संशोधन- इसके जरिये देश में बहुस्तरीय और अप्रत्यक्ष टैक्स सिस्टम को खत्म कर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लाया गया. भारत में 1 जुलाई 2017 से पूरे देश में जीएसटी लागू हो गया. इसके तहत पूरे देश में एक टैक्स प्रणाली लागू हो गई.