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Happy Republic Day: बच्चों के ही नहीं बल्कि पीएम मोदी के भी सिर चढ़कर बोल रहा यह डॉयलाग

देशभक्ति पर कई फिल्में तो ऐसी बनीं है जिन्हें देखते ही मन में देशभक्ति की धारा बहने लगती है. वहीं कुछ डायलॉग तो ऐसे हैं जिन्हें सुनते ही मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाह जागने लगती है.

Updated on: 26 Jan 2019, 09:16 AM

नई दिल्‍ली:

हमारा आजाद देश भारत. दुनिया में सबसे प्यारा. सबसे निराला भारत. जिसके स्व‍तंत्र सुनने के आभास से ही हमारा मन हिलौरे भरने लगता है. एक सपनों भरी उड़ान की धारा मन में बहने लगती है. आसमान में खुली सांस लेने से दिल को सुकून मिलने लगता है. उसी आजाद देश के हम आजाद नागरिक. आज देश का 70वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं. अंग्रेजों के खिलाफ चले आजादी के संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को भारतवासियों ने पहली बार आजादी की सांस ली. पहली बार आजादी का अनुभव लिया. उस वक्त हमारा देश आजाद तो हो गया था. लेकिन हमारे पास अपने देश का संविधान नहीं था. हमारे भारत देश का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ. और तभी से इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा.

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26 जनवरी 1950. ये वही दिन था जब पहली बार राजपथ पर देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने सेना के तीनों अंगों के प्रदर्शन की सलामी ली और इसी के साथ हमने अपना संविधान अपनाया. आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भारत में कई बड़े बदलाव देखे गए. और इन बदलावों में सिनेमा ने काफी हद तक देश का साथ दिया. भारतीय सिनेमा ने अपनी फिल्मों के सहारे ना केवल भारतवासियों के दिलों में देशभक्ति का जज़्बा बरकरार रखा. बल्कि समय-समय पर देश पर बनी फिल्मों ने देश की स्थिति को भी बयां किया. देशभक्ति पर कई फिल्में तो ऐसी बनीं है जिन्हें देखते ही मन में देशभक्ति की धारा बहने लगती है. वहीं कुछ डायलॉग तो ऐसे हैं जिन्हें सुनते ही मन में देश के लिए कुछ कर गुजरने की चाह जागने लगती है. गणतंत्र दिवस के इस मौके पर आज हम भी आपको हिंदी सिनेमा के उन्हीं कुछ डायलॉग्स से रूबरू करवाएंगे जिन्हें सुनकर हर हिंदुस्तानी के मन में देशभक्ति की धारा बहने लगेगी.

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देशभक्ति के जज़्बे को सलाम करने के लिए बड़े परदे पर फिल्म मेकर्स ने कई कहानियों को पेश किया है. जिनमें देशभक्ति का एक अलग ही जुनून देखने को मिलता है. उन्हीं में से एक फिल्म है 2001 में बनी गदर एक प्रेम कथा. इस फिल्म में अभिनेता सनी देओल ने का एक डायलॉग ऐसा है जो जिसे सुनते ही सबके मन में ये बोलने की इच्छा पैदा हो जाती है और वो डॉयलाग है हिंदुस्तान जिंदाबाद.

जब भी देशभक्ति की फिल्में बनाने की बात आती है तो मेकर्स की पहली पसंद सनी देओल ही होते हैं. देश पर बनी फिल्म इंडियन भले ही 2001 में रिलीज हुई हो लेकिन उस मूवी के कुछ डॉयलाग आज भी मन में देशभक्ति की ललक पैदा कर देते हैं.

फिल्म बेबी में अक्षय कुमार के इंडियन वाले डॉयलाग ने तो मानो देश में गर्व की रौशनी ही फैला दी. बच्चे हो या बड़े सभी की जुबान पर वो डॉयलाग छा गया.

नमस्ते लंदन में भी जब अंग्रेजों ने भारत की संस्कृति का मजाक उड़ाया. तब भी अक्षय कुमार की स्पीच ने सबका मुंह बंद कर दिया.

अभिनेता आमिर खान ने भी फिल्ल्म सरफरोश में देश को घर मानने की बात कही.

फिल्मों में देशभक्ति की हुंकार भरने से अभिनेता अनिल कपूर भी पीछे नहीं रहे. देखिए कैसे उन्होने दुशमनों को हिंदुस्तान की ताक़त की एक झलक दिखाई.

फिल्म पुकार के डॉयलाग ने दुशमनों के छक्के ही नहीं छुड़ाए बल्कि दर्शकों को भी तालियां मारने के लिए मजबूर कर दिया.

शहीद भगत सिंह के पूरे परिवार को देशभक्ति का जुनून सवार था. यही वजह है की जब उन्हें लाहौर में फांसी दी जा रही थी तो उन्होंने देश को इंकलाब जिंदाबाद का नारा दिया.

मां तुझे सलाम सलाम. देशभक्ति पर निर्धारित बड़े परदे की इस कहानी ने हर देशवासी के दिल में देश के लिए प्यार जगा दिया. जिस कशमीर को सोने की चिड़िया कहा जाता है उस कशमीर के लिए प्यार जगा दिया.

देश के लिए मर मिटने और खून बहा देने वालों की कमी हमारे देश में नहीं है. यहां का हर बच्चा. हर युवा देश के लिए मर मिटने को तैयार है. उसी की एक झलक दिखाई अभिनेता अक्षय कुमार ने.

फिल्म चक दे इंडिया में भी किंग खान को एक ही मुल्क का नाम सुनाई देता है.


गुलामी के उस दौर में एक आजाद भारत बनाना तो सबकी चाह थी. लेकिन भगत सिंह बना चाहते थे एक धर्मनिरपेक्ष आजाद वतन.

फिल्म उरी का डॉयलाग hows d josh बच्चों के ही नहीं बल्कि पीएम मोदी के सर चढ़कर भी बोला.

हालही में आई राज़ी मूवी का ये डायलॉग. हर देशवासी के दिल की आवाज है.

हम एक राष्ट्र के रूप में कितना भी आगे बढ़ जायें लेकिन अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई में क्रांतिकारियों के बलिदान और भागीदारी को कभी नहीं भूलेंगे. न्यूज स्टेट की ओर से भारत मां के उन वीर जवानों को सलाम जो आज भी हमें चैन की नींद सुलाने के लिए हर वक़्त. दिन-रात. सरहद पर हमारी रक्षा कर रहे हैं. उन वीर सिपाहियों को सलाम. जो जी जान से हमारे तिरंगे की रक्षा कर रहे हैं. हमारे हिन्हुस्तान की रक्षा कर रहे हैं.