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अब वैष्णो देवी जाने के लिए नहीं करना होगा इंतजार, सुप्रीम कोर्ट ने रोक से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोग श्रद्धा और आस्था की वजह से वैष्णो देवी जाते हैं, न कि श्राइन बोर्ड उन्हें बुलाता है।

Updated on: 01 Aug 2018, 04:54 PM

नई दिल्ली:

अब अब आपको माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए किसी तरह का इंतजार नहीं करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या तय करने से इनकार कर दिया है।

गौरतलब है कि कटरा से माता की गुफा तक भीड़ और प्रदूषण बढ़ने की वजह से पहले नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को भक्तों की संख्या तय करने का आदेश दिया था। जिसके बाद एक दिन में करीब 50 हजार श्रद्धालु ही माता के भवन तक पहुंच पाते थे। 

SC ने श्रद्धालुओं की संख्या पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा  लोग श्रद्धा और आस्था की वजह से वैष्णो देवी जाते हैं, न कि श्राइन बोर्ड उन्हें बुलाता है।

बता दें कि याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया था कि वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को यह तय करना चाहिए कि कितने लोग दर्शन के लिए जा सकते हैं!

वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि वैष्णो देवी में खच्चरों के मालिकों के पुनर्वास को लेकर क्या योजना है? आप कब तक पुनर्वास करेंगे? इस बाबत स्टेक होल्डर आपस में मीटिंग करके कोर्ट को बताएं।

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कोर्ट ने कहा कि समय के हिसाब से खच्चरों को हटाना होगा। इसके लिए कोई दूसरा विकल्प तलाश करना होगा। इस वक्त लोगों को लाने और ले जाने के लिए करीब 4 हजार खच्चर काम करते हैं। इन्हें रातोंरात हटाया नहीं जा सकता है। इसके लिए कोई योजना लाने की जरूरत है।

इस पर वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की तरफ से कहा गया कि खच्चरों को अचानक से हटाना संभव नहीं है। मनाली, शिमला, केदारनाथ और नॉर्थ ईस्ट समेत कई जगहों पर खच्चरों का इस्तेमाल किया जाता है। यहां तक कि सेना भी सामान लाने और ले जाने में खच्चरों का प्रयोग करती है।

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