डायबिटीज है तो नवरात्र में रखें इन बातों का ध्यान, नहीं होगी कोई दिक्कत
डायबिटीज के रोगी कई बार उपवास तो कर लेते हैं किन्तु बाद में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तो आइये जानते हैं डायबिटीज के रोगियों के लिए, नवरात्रे में ध्यान रखने योग्य बातें-
नई दिल्ली:
नवरात्र व्रत का धार्मिक महत्व तो है ही, इसका वैज्ञानिक महत्व भी है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी लाभदायक है। नवरात्रों के दौरान घर पर किया जाने वाला विधिवत हवन भी स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। हवन से आत्मिक शांति मिलती है, वातावरण की शुद्धि होती है और साथ ही नकारात्मक शक्तियों का नाश होकर सकारात्मक शक्तियों का प्रवेश होता है। लेकिन डायबिटीज के रोगी कई बार उपवास तो कर लेते हैं किन्तु बाद में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तो आइये जानते हैं डायबिटीज के रोगियों के लिए, नवरात्रे में ध्यान रखने योग्य बातें-
व्रत के दौरान कैसा हो खान-पान?
उपवास में डाइट ऐसी हो, जो तुरंत ऊर्जा दे और कैलोरी भी कंट्रोल में रखे। जो लोग नवरात्र में पूरे नौ दिन का व्रत रखते हैं, वे कम मात्रा में और नियमित आहार लें, जिससे शरीर में ऊर्जा का स्तर संतुलित रहेगा और शाम तक शरीर कमजोरी से ग्रसित नहीं होगा।
यदि कोई व्यक्ति डायबिटीज का रोगी है, तो उसे अधिक मीठे फल, आलू, मिठाइयां आदि खाने से परहेज करना चाहिए। दरअसल, इन सभी चीजों में शूगर की मात्रा अधिक होती हैं। और साथ ही साथ वे भूखे भी न रहें क्योंकि शरीर में ग्लूकोज की मात्रा घटने से भी परेशानियां पैदा होने लगती हैं। उन्हें दिन में कई बार थोड़ी मात्रा में हल्की डाइट लेनी चाहिए। वे व्रत के दौरान सिंघाड़े के आटे या साबूदाने की बजाय लौकी, कद्दू, फल आदि लें जिससे उनका शूगर लैवल न बढ़े।
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आमतौर पर लोगों में यह धारणा है कि व्रत के दिनों में बहुत ऊर्जा की जरूरत होती है, इसलिए वे बहुत तले हुए व्यंजन और मीठा खाते हैं। जबकि व्रत के दौरान घी-तेल में तली-भुनी चीजें, जैसे-आलू की टिक्कियां, कुट्टू या साबूदाने के पकौड़े आदि खाने से शरीर में फैट और ग्लूकोज बढ़ती है। इसलिए तले भोजन पर टूटने से पहले दूसरे सेहतमंद विकल्प तलाश लें। व्रत के दौरान चाय, काफी का सेवन काफी बढ़ जाता है। इस पर नियंत्रण रखें।
क्या खायें डायबिटीज के रोगी?
-डायबिटिक हाई फायबर और हाई प्रोटीन डाइट लें।
-खाना लो-फैट और लो कार्बोहाइड्रेट वाला हो।
-मीठे से परहेज़ करें और सेंधा नमक लें।
-आलू, केला, अनार और चीकू बिल्कुल ना खायें।
-बिना चीनी के टोन्ड दूध प्रयोग करें।
-खाने में कुट्टू के आटे की चपाती ज़रूर लें।
-आलू की जगह साबूदाने का इस्तेमाल करें।
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डीहाइड्रेशन की आशंका को खत्म करने के लिए, विशेष रुप से मधुमेह से ग्रस्त लोग, जिनमें ब्लड शुगर के स्तर के बढे होने से शरीर में पानी की कमी का खतरा कहीं ज्यादा होता है, व्रत के दौरान पानी अथवा अन्य पेय पदार्थ जैसे नीबू पानी, नारियल पानी, दूध एवं मठ्ठे का प्रयोग अधिक करना चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति का डायबिटीज काफी अधिक है तो उस व्यक्ति को उपवास से पहले और बीच-बीच में भी डाक्टर से परामर्श जरूर लेनी चाहिए एवं एक बार तो कम से कम डायबिटीज का चेकअप भी करा लेना चाहिए।
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