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होली पर यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ का आपने ऐसा अंदाज नहीं देखा होगा

होली पर गुरुवार को गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में घंटाघर से भगवान नरसिंह की शोभायात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली गई.

Updated on: 21 Mar 2019, 01:15 PM

गोरखपुर:

होली पर गुरुवार को गोरक्षपीठाधीश्वर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में घंटाघर से भगवान नरसिंह की शोभायात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच निकाली गई. शोभायात्रा में मुख्यमंत्री के साथ हजारों नगरवासी शामिल हुए.  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और श्री होलिकोत्सव समिति गीतानगर के तत्वावधान में निकलने वाली शोभायात्रा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह 9.20 बजे पहुंचे. होली पर भगवान नरसिंह की शोभायात्रा 1945 से निकल रही है. करीब 5 किमी लंबी इस शोभायात्रा का नेतृत्व गोरक्षपीठाधीश्वर कर रहे हैं. रास्ते में पड़ने वाले घरों की छतों से शहरवासी उन पर रंग बरसाते हैं. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरएसएस के ध्वजारोहण एवं प्रार्थना और गीत गायन के बाद भगवान नरसिंह का पूजन और महाआरती कर शोभायात्रा के रथ पर सवार हुए. इस दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं के साथ फूल, रंग और गुलाल के साथ होली खेली. पुलिस की कड़ी सुरक्षा में यह शोभा यात्रा घंटाघर से निकलकर मदरसा चौक, लालडिग्गी, मिर्जापुर, घासी कटरा, जाफरा बाजार, चरण लाल चौक, आर्यनगर, बक्शीपुर, नखास चौक, रेती चौक होते हुए घंटाघर लौट कर समाप्त होगी. यात्रा में नशा कर के शामिल होने और नीला और काला रंग के इस्तेमाल को आयोजन समिति ने प्रतिबंधित था.

गोरखनाथ मंदिर में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सभी साधु-संतों, पुजारियों, संस्कृत विद्यालय के छात्रों-आचार्यों एवं श्रद्धालुओं के साथ होलिका की राख उड़ाकर होली की शुरुआत की. वैदिक मंत्रों के बीच विधि विधान से पूजा अर्चना के बाद सब एक दूसरे के माथे पर होलिका दहन की राख से तिलक लगाया. उसके बाद योगी आदित्यनाथ ने गुरु गोरखनाथ के मंदिर में पहुंच कर उन्हें सम्मत की राख (भभूत) का तिलक किया. गुरु गोरक्षनाथ एवं अखण्ड ज्योति का आशीर्वाद लेने के बाद घंटाघर में रंग भरी यात्रा के लिए सीएम रवाना हुए.

यात्रा को देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. शोभायात्रा में सुरक्षा के लिए करीब 6000 पुलिस के जवान लगाए गए थे. रास्ते में हर एक मीटर पर एक सशस्त्र जवान तैनात था. शोभायात्रा के एक दिन पहले ड्रोन कैमरे से रास्ते और छतों की निगरानी की गई.