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हम हैं धर्म के चौकीदार : पारस परिवार

पारस परिवार (Paras Parivaar) के मुखिया श्री पारस भाई जी (Shri Paras Bhai Ji) ने भी पीएम नरेंद्र मोदी चौकीदार हैं का समर्थन किया.

Updated on: 27 Mar 2019, 02:47 PM

नई दिल्ली:

देशभर में 'चौकीदार' की सियासत अपने चरम पर है. इस लोकसभा चुनाव में 'चौकीदार' शब्द इतना प्रचलित हो गया है कि कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने नाम के आगे चौकीदार लिख लिया है. पारस परिवार (Paras Parivaar) के मुखिया श्री पारस भाई जी (Shri Paras Bhai Ji) ने भी पीएम नरेंद्र मोदी चौकीदार हैं का समर्थन किया. उन्होंने कहा, अगर देश के प्रधानमंत्री़ नरेंद्र मोदी चौकीदार हैं तो वह भी चौकीदार हैं. जैसे पीएम नरेंद्र मोदी देश की चौकीदारी कर रहे हैं, वैसे वह (पारस भाई जी) भी धर्म की चौकीदारी कर रहे हैं.

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श्री पारस भाई गुरु जी (Shri Paras Bhai Guru ji) ने कहा, पहले लोगों को समझना होगा कि चौकीदार किसे कहते हैं और चौकीदार क्या करता है. एक ईमानदार चौकीदार निष्पक्ष रूप से अपने मालिक (देश) की सुरक्षा में अपना तन और मन न्योछावर कर देता है वह अपने मालिक (देश) की सुख और शांति के लिए तमाम रात जाग कर एक प्रहरी की तरह गर्मी, सर्दी और बरसात में जाग कर उसकी सुरक्षा में तत्पर रहता है और अपने मालिक (देश) द्वारा दिए गए वेतन में ईमानदारी से अपने परिवार का पालन करता है.

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पारस भाई जी (Paras Bhai ji) ने कहा, पीएम नरेंद्र मोदी की तरह मैं भी 'चौकीदार' हूं, क्योंकि मैं सच्चे मन और पूरी ईमानदारी से धर्म की रक्षा करता हूं. लोगों को धर्म के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता हूं. उन्होंने कहा, मां भगवती और भगवान शिव की सेवा एक चौकीदार की तरह करता हूं. इस तरह से तो देश का हर व्यक्ति चौकीदार है, क्योंकि वे किसी न किसी रूप में एक-दूसरे की चौकीदारी करते हैं. 

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बता दें कि एस्ट्रोलॉजर (Astrologer), बेहतरीन मोटिवेटर (Motivator), मां भगवती व शिव के भजनों (Maa Bhagwati bhajans) से दुनिया को मंत्रमुग्ध कर देने वाले पारस परिवार (Paras Parivaar) के मुखिया श्री पारस भाई जी (Shri Paras Bhai Ji) की जिंदगी का मुख्य उद्देश्य सनातन धर्म (Sanatan Dharm) का प्रचार, आडंबरों से मुक्ति व गरीबों और बुजुर्गों की सेवा कर नए राष्ट्र का नव निर्माण करना है. 

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पारस भाई जी (Paras Bhai ji) ने कहा, आजादी के पहले इन चौकीदारों का बहुत महत्व होता था और जब चौकीदार साफा लेकर निकलता था तो लोग अज्ञात भय से डरकर घरों में घुस जाते थे. खाकी कमीज, धोती, बेल्ट, बल्लमदार लाठी और लाल साफा चौकीदारों की पहचान होती थी. एक समय था जब गांव की सुरक्षा में चौकीदारों का महत्वपूर्ण रोल था और उसकी बात पर अधिकारी विश्वास करते थे. आजादी के बाद चौकीदारों की हनक में तो कमी जरूर आ गई, लेकिन उसकी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं.

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श्री पारस भाई जी (Shri Paras Bhai Ji) ने कहा, अब देश के चौकीदारों को भी खुद के काम पर गर्व होता है कि वह बड़ी जिम्मेदारी का कार्य कर रहे हैं. अगर पहले कोई व्यक्ति चौकीदार या गार्ड का कार्य करता था तो उसे लोग हेय दृष्टि से देखते थे, लेकिन अब इनका सम्मान बढ़ गया है. चौकीदार बड़ी जिम्मेदारी का काम करते हैं. चाहे कोई भी मौसम हो उन्हें अपनी ड्यूटी पूरी जिम्मेदारी से निभानी पड़ती है. रातभर लोग घरों में आराम से सोते हैं तो चौकीदार उनकी और उनके घर की रखवाली करता है.