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Ramadan 2019: रमजान में रखेंगे रोजा तो भूलकर भी न करें ये गलतियां

रोजा का मतलब बंदिश (मनाही), सिर्फ खाने पीने की बंदिश नहीं है बल्कि हर उस बुराई से दूर रहने की बंदिश है जो इस्लाम में मना है.

Updated on: 06 May 2019, 10:41 AM

highlights

  • रमजान (Ramadan 2019) का पाक महीना 7 मई से शुरू होने वाला है.
  • रमजान के दौरान धूम्रपान और शराब सेवन की मनाही होती है.
  • इस महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं.

नई दिल्ली:

रमजान (Ramadan 2019) का पाक महीना 7 मई से शुरू होने वाला है. माना जाता है कि अल्लाह रमजान (Ramzan) के महीने में सारे गुनाहों और गलतियों को माफ कर देते हैं. रोजा के दौरान रोजादार पूरे दिन 5 वक्त की नमाज अदा करते हैं. हर मुसलमान की जिंदगी में रमजान के महीने की खास अहमियत होती है, क्योंकि कहा जाता है कि इस महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं.

आम दिनों में अल्लाह की इबादत से दूर रहने वाला शख्स भी रमजान में रोजा रखता है. रोजा का मतलब बंदिश (मनाही), सिर्फ खाने पीने की बंदिश नहीं है बल्कि हर उस बुराई से दूर रहने की बंदिश है जो इस्लाम में मना है. 

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इसलिए इस एक महीने के दौरान ऐसे कई काम हैं, जिन्हें करने की मनाही होती है. इस दौरान आपको भूलकर भी ये कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए.

बुराई करना या गाली देना

इस पाक महीने में किसी को भी गाली नहीं देनी चाहिए और ना ही किसी की बुराई करनी चाहिए. रमजान का महीना धैर्य सिखाता है. खुद पर और अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना सिखाता है. इस दौरान किसी से लड़ने और गाली देने से आपकी आत्मा शुद्ध नहीं होगी.

शराब या धूम्रपान करना

अगर आप रोजेदार हैं और शराब या स्मोकिंग कर रहे हैं तो यह गुनाह है. धूम्रपान और शराब की गिनती बुराईयों में होती है. रमजान के दौरान धूम्रपान और शराब सेवन की मनाही होती है. रमजान के महीने में शराब और सिगरेट पीने वाले शख्स को रोजा का फल प्राप्त नहीं होता.

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झूठ बोलना

रमजान के पाक महीने में झूठ बोलने से बचना चाहिए. इस पाक महीने में यदि कोई इस्लाम का अनुयायी झूठ बोलता है या अल्लाह का नाम लेकर किसी से पैसे लेता है तो इसे धोखा माना जाएगा. ऐसा करने वाले व्यक्ति को अल्लाह सजा देते हैं.

मारपीट करना

मारना, पीटना या किसी पर हाथ उठाना हमेशा ही गलत होता है, लेकिन अगर आपने रोजा रखा है तो यह काम बिल्कुल भी ना करें.

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इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखते हैं, तरावीह की नमाज और कुरआन शरीफ का पाठ करते हैं. जकात और दान-पुण्य करने पर भी सवाब मिलता है. मुस्लिम लोग रमजान के दौरान दुनियादारी से हटकर सिर्फ खुदा की इबादत करते हैं. पवित्र ग्रंथ कुरान की तिलावत करते हैं.