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Mahashivratri 2019 : काशी विश्वनाथ दरबार में माथा टेकने से दूर हो जाते हैं सारे कष्ट, उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

देश के द्वादस ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन मात्र से लोगों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं.

Updated on: 04 Mar 2019, 08:51 AM

नई दिल्ली:

Mahashivratri 2019 : देश के द्वादस ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्‍वनाथ के दर्शन मात्र से लोगों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. महाशिवरात्रि से एक दिन पहले ही देश-विदेश से श्रद्धालुओं का रेला काशी पहुंच चुका है. एक दिन पहले ही बाबा दरबार में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने मत्था टेकाकर मन्नतें मांगी. यहां भीड़ इतनी लगी है कि श्रद्धालुओं की लाइन कई किलोमीटर दूर तक लगी है. हर कोई बाबा के दर्शन के लिए रात से ही लाइन में खड़े हैं.

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देवाधिदेव महादेव भगवान आशुतोष को प्रसन्न करने के लिए फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाने की शास्त्रीय परंपरा है. इस बार महाशिवरात्रि देवाधिदेव महादेव के दिन सोमवार को पड़ी है तो रात में ही शिवयोग का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है. माना जा रहा है फाल्‍गुन त्रयोदशी तिथि रविवार को दोपहर बाद 2.10 बजे लग गई थी. इसके चलते काशी में बाबा की पूजा के लिए एक दिन पहले से श्रद्धालु जुटने लगे थे. त्रयोदशी तिथि चार मार्च को शाम 4.10 बजे तक रहेगी. इसके बाद चतुर्दशी तिथि लगेगी, जो पांच मार्च की शाम 6.18 बजे तक रहेगी. सुबह प्रयागराज से कुंभ स्‍नान कर लौटने वाले श्रद्धालु भी बाबा का दर्शन करेंगे.

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महाशिवरात्रि को लेकर देशभर के मंदिरों में श्रद्धालुओं का तांता लग गया है. श्रद्धालु शिवलिंग में दूध और जल चढ़ाकर देवों के देव महादेव से मन्नतें मांग रहे हैं. देवों के देव महादेव के बारे में कहा जाता है कि वह जिस पर भी प्रसन्न हो जाते हैं, उनकी झोली खुशियों से भर देते हैं. महाशिवरात्रि पर शिव-पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. ऐसी मान्यता है कि इस दिन शिव-पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था और इसी दिन प्रथम शिवलिंग भी प्रकट हुआ था. इस बार सोमवार को महाशिवरात्री होने से विशेष संयोग है.