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Makar Sankranti : मकर संक्रांति के मौके पर गंगा सहित अन्य नदियों पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

देखा जाए तो 15 जनवरी से पंचक, खरमास और अशुभ समय समाप्त हो जाएगा और विवाह, ग्रह प्रवेश आदि के शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे.

Updated on: 14 Jan 2019, 09:37 AM

नई दिल्ली:

मकर संक्रांति का पर्व इस बार देश में कई जगह आज यानी 14 जनवरी को और कुछ जगह 15 जनवरी को मनाया जा रहा है. देखा जाए तो 15 जनवरी से पंचक, खरमास और अशुभ समय समाप्त हो जाएगा और विवाह, ग्रह प्रवेश आदि के शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे. इसके अलावा 15 जनवरी के दिन ही प्रयागराज में चल रहे कुंभ महोत्सव का पहला शाही स्नान होगा. वहीं आज भी मकर संक्राति के चलते देश भर में गंगा सहित अन्य पवित्र नदियों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देखी जा रही है. इस खास मौके पर श्रृद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर स्नान किया और भगवान सूर्य की अराधना की. वाराणसी, प्रयागराज और हर की पौड़ी हरिद्वार में सुबह से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटनी शुरू हो गई. इस मौके पर श्रद्वालुओं के लिए हर जगह खास इंतजाम किए गए हैं. हरिद्वार में महिलाओं और पुरुषों के स्नान के लिए अलग-अलग व्यवस्थाएं की गई हैं वहीं, प्रयागराज, वाराणसी में श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं.

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प्रयागराज में भी, स्टेशनों व बस अड्डों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ दिख रही है और आस्था तथा भक्ति का अद्भुत नजारा देखने को मिल रहा है. प्रशासन ने इस खास मौके के लिए बसों और ट्रेनों की अतिरिक्त व्यवस्था की है. गंगासागर में रिकॉर्ड संख्या में लोग पहुंचे हैं. पुराणों में इस स्नान का विशेष महत्व बताया गया है. कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके अगर दान किया जाता है तो आपकी हर मनोकामना पूरी होती है और गंगा में डुबकी लगाने से 10 गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है.

मकर संक्रांति पूजा मंत्र
ऊं सूर्याय नम: ऊं आदित्याय नम: ऊं सप्तार्चिषे नम:

मकर संक्रांति का महत्व- आज के दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में आ जाते हैं. उत्तरायण में सूर्य रहने के समय को शुभ समय माना जाता है और मांगलिक कार्य आसानी से किए जाते हैं. चूंकि पृथ्वी दो गोलार्धों में बंटी हुई है ऐसे में जब सूर्य का झुकाव दाक्षिणी गोलार्ध की ओर होता है तो इस स्थिति को दक्षिणायन कहते हैं और सूर्य जब उत्तरी गोलार्ध की ओर झुका होता है तो सूर्य की इस स्थिति को उत्तरायण कहते हैं. इसके साथ ही 12 राशियां होती हैं जिनमें सूर्य पूरे साल एक-एक माह के लिए रहते हैं. सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इसे मकर संक्रांति कहते हैं.

सूर्य इस बार मकर राशि की संक्रांति में 14 जनवरी 2019 यानी सोमवार को रात 2.19 मिनट पर प्रवेश करेंगे और इसी के साथ मकर संक्रांति का मुहूर्त भी शुरु हो जाएगा. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जिस समय मकर की संक्रांति में सूर्य प्रवेश करते हैं उसके बाद दूसरे दिन सूर्योंदय से दोपहर तक संक्रांति का पुण्य काल माना जाता है.