Krishna Janmashtami Date 2019: श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पंजीरी का भोग और इसका वैज्ञानिक कारण
इस दिन कन्हैया को माखन मिस्री के साथ पंजीरी का भोग लगाया जाता है. आइए, जानें धनिया पंजीरी के भोग से आपकी सेहत को कौन कौन से बेहतरीन फायदे मिलेंगे...
नई दिल्ली:
इस साल जन्माष्टमी 23 अगस्त को मनाई जाएगी जबकिु कुछ लोग बता रहे हैं कि ये त्योहार इस साल 24 अगस्त को मनाया जाएगा. हिंदुओं का यह पवित्र त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन पर मनाया जाता है. भगवान विष्णु के 8वें अवतार श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को जन्माष्टमी के रूप में मनाया जाता है. भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास (भादो माह) की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन हुआ था. इस साल ये तिथि 23 अगस्त को पड़ रही है. हालांकि जो लोग उदया तिथि मानते हैं वो 24 अगस्त को जन्माष्टमी का त्योहार मनाते हैं. इस दिन कन्हैया को माखन मिस्री के साथ पंजीरी का भोग लगाया जाता है. आइए, जानें धनिया पंजीरी के भोग से आपकी सेहत को कौन कौन से बेहतरीन फायदे मिलेंगे...
- धनिया चबाना पाचन के लिए लाभदायक है. गैस और अपच जैसी समस्याओं से यह निजात दिलाता है. यहीं नहीं यह आपके पाचन तंत्र को बेहतर भी करता है.
- पंजीरी दिमागी तरावट, मस्तिष्क संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद है और यह दिमाग को ठंडा रख उसकी कार्यक्षमता को बढ़ाती है. धनिया को शुद्ध देसी घी में सेंककर मिस्री के साथ मिलाकर बनाई जाती है.
- पंजीरी गठिया के मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद होती है. रोजाना इस पंजीरी का सेवन जल्द ही आपको गठिया से निजात दिलाने में मदद करेगा.
- पंजीरी आंखों के लिए यह बेहद फायदेमंद है. आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए नियमित रूप से पंजीरी का सेवन करना लाभप्रद है. इससे आंखें स्वस्थ रहती हैं.
- चक्कर आने की समस्या के लिए पंजीरी एक रामबाण इलाज है. अगर आपको चक्कर आने की समस्या हो, तो रोजाना इस पंजीरी को चबा-चबाकर खाएं और असर देखें.
इस साल बन रहा है खास संयोग
बताया जा रहा है कि इस साल जनमाष्टमी में खास संयोग बन रहा है. दरअसल द्वापर युग में जिस तरह अष्टमी को सूर्य और चंद्रमा उच्च भाव में विराजमान थे, ठीक वैसा ही अद्भुत संयोग इस साल की जन्माष्टमी यानी अष्टमी तिथि पर रोहिणी नक्षत्र में पड़ रहा है. माना जा रहा है कि खास संयोग से भक्तों को विशेष लाभ मिलेगा.
यह भी पढ़ें: Janmashtami 2019: जानिए इस साल कब पड़ रहा है जन्माष्टमी का त्योहार
क्यों मनाई जाती है जन्माष्टमी?
जन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. पौराणिक मान्याताओं के अनुसार द्वापर युग मथुरा में कंस नाम का राजा था और उनकी एक चचेरी बहन देवकी थी. कंस अपनी बहन देवकी से बेहद प्यार करता था. उन्होंने उनका विवाह वासुदेव नाम के राजकुमार से हुआ था. देवकी के विवाह के कुछ दिन पश्चात ही कंस को ये आकाशवाणी हुई की देवकी की आठवीं संतान उसका काल बनेगा. यह सुनकर कंस तिलमिला गए और उसने अपनी बहन को मारने के लिए तलवार उठा ली, लेकिन वासुदेव ने कंस को वादा किया कि वो अपनी आठों संतान उसे दे देंगे मगर वो देवकी को ना मारे.
यह भी पढ़ेंः Janmashtami Special: जानें कृष्ण की सबसे बड़ी भक्त मीरा बाई के बारे में, जिनकी भक्ति से विष भी अमृत बन गया
इसके बाद कंस ने देवकी और वासुदेव को मथुरा के ही कारागार में डाल दिया। देवकी के सातों संतान को कंस ने बारी-बारी कर के मार डाला। जब देवकी ने आठवीं संतान के रूप में श्रीकृष्ण को जन्म दिया तो उन्हें कंस के प्रकोप से बचाने के लिए गोकुल में अपने दोस्त नंद के यहां भिजवा दिया. कहते है कृष्ण के जन्म के समय उस रात कारागार में मौजूद सभी लोग निंद्रासन में चले गए थे.
वीडियो
IPL 2024
-
PBKS vs MI Dream11 Team : पंजाब और मुंबई के मैच में ये हो सकती है ड्रीम11 टीम, इन्हें चुनें कप्तान
-
PBKS vs MI Head to Head : पंजाब और मुबंई में होती है कांटे की टक्कर, हेड टू हेड आंकड़ों में देख लिजिए
-
PBKS vs MI Pitch Repot : बल्लेबाज मचाएंगे धमाल या और गेंदबाज मारेंगे बाजी? जानें कैसी होगी मोहाली की पिच
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी से पहले जरूर करें 10 बार स्नान, सफलता मिलने में नहीं लगेगा समय
-
Mangal Gochar 2024: मंगल के गोचर से इस राशि को मिलेगी अचानक नई नौकरी, जानें अपनी राशि का हाल
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी के दिन इस पेड़ की पूजा करने से हर मनोकामना होती है पूरी
-
Chanakya Niti For Success: चाणक्य की ये 10 बातें गांठ बांध लें जीवन में सफलता चूमेगी आपके कदम