4 जुलाईः आज का दिन रहेगा बेहद खास, बन रहा है शुभ संयोग
इस विशेष तिथि और शुभ मुहूर्त में कोई भी काम आप करते हैं तो जरूर सफल होंगे.
highlights
- 4 जुलाई का दिन फलदायी और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ रहेगा
- माता पार्वती के श्राप के कारण पुष्य नक्षत्र में विवाह करना अशुभ माना गया है
- विद्या दान करना और विदेश यात्रा आरंभ करने के लिए श्रेष्ठ होता है यह नक्षत्र
नई दिल्ली:
इस बार 4 जुलाई को विशेष शुभ मुहूर्त बन रहा है. 4 जुलाई को गुरु पुष्य योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि और अमृत सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. शास्त्रों में इस शुभ योग को अबूझ व स्वयं सिद्ध मुहूर्त भी माना गया है. ऐसे में अगर इस विशेष तिथि और शुभ मुहूर्त में कोई भी काम आप करते हैं तो जरूर सफल होंगे. अबूझ मुहूर्त में इस दिन नया काम करना, गृह प्रवेश, जमीन खरीदना, व्यापार आरंभ करना, नया वाहन खरीदने का शुभ दिन रहता है. गुरु पुष्य नक्षत्र में विवाह को छोड़कर अन्य कोई भी कार्य किया जा सकता है. माता पार्वती के श्राप के कारण पुष्य नक्षत्र में विवाह करना अशुभ माना गया है.
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक गुरु पुष्य को बहुत महत्व दिया जाता है. यही नहीं आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का उत्सव भी मनाया जाएगा. यही वजह है कि 4 जुलाई का दिन फलदायी और मांगलिक कार्यों के लिए शुभ रहेगा.
यह भी पढ़ेंः आखिर मुस्लिम सांसद नुसरत जहां ने क्यों लगाया सिंदूर, जानें सिंदूर का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्र होते हैं. इसमें 8वां स्थान बहुत ही शुभ और सुखद फल प्रदान करने वाले पुष्य नक्षत्र का होता है. इसे सभी 27 नक्षत्रों में सबसे श्रेष्ठ और नक्षत्रों का राजा कहा जाता है. बता दें भगवान राम का जन्म भी इसी नक्षत्र में हुआ था. नक्षत्र हर रोज बदलते रहते हैं और हर दिन बदलने वाले नक्षत्र में पुष्य नक्षत्र भी शामिल है. हर 27वें दिन पुष्य नक्षत्र होता है. यह जिस दिन आता है, इसका नाम भी उसी प्रकार रखा जाता है. 4 जुलाई को पुष्य नक्षत्र गुरुवार के दिन पड़ रहा है. इसी प्रकार से गुरु पुष्य नक्षत्र योग कहा जाता है.
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान में माता का है एक मंदिर, जहां मुसलमान भी झुकाते हैं सिर
पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में सबसे शुभ माना गया है. इसे सभी 27 नक्षत्रों में सबसे श्रेष्ठ और नक्षत्रों का राजा कहा जाता है. भगवान राम का जन्म भी इसी नक्षत्र में हुआ था.
इस नक्षत्र में जन्में लोग बहुत मेहनती होते हैं और अपने दम पर जीने में भरोसा करते हैं. अपनी मेहनत की बदौलत धीरे-धीरे ही सही लेकिन कामयाबी जरूर हासिल करते हैं. कम उम्र में ही कई परेशानियों का सामना करते करते ये जल्दी परिपक्व और भीतर से मजबूत हो जाते हैं. इन्हें संयमित और व्यवस्थित जीवन जीना पसंद होता है.
यह भी पढ़ेंः गुप्त नवरात्रि आज से शुरू, जानिए क्या है इसका महत्व और कैसे होती है पूजा
इस नक्षत्र में आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना, यज्ञ अनुष्ठान, मंत्र दीक्षा, उच्च शिक्षा ग्रहण, भूमि, क्रय-विक्रय, और वेद पाठ आरंभ करना, गुरु धारण करना, पुस्तक दान करना और विद्या दान करना और विदेश यात्रा आरंभ करने के लिए श्रेष्ठ होता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य