जन्माष्टमी के बाद चढ़ेगा दही-हांडी का खुमार, जानें कब शुरू हुई यह परंपरा
कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के अगले दिन दही हांडी (Dahi Handi) का उत्सव पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है.
नई दिल्ली:
कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के अगले दिन दही हांडी (Dahi Handi) का उत्सव पूरे हर्षोल्लास से मनाया जाता है. कान्हा की बाल लीलाओं को समर्पित दही हांडी का उत्सव 25 अगस्त (25th August) को मनाया जाएगा. इसकी वजह है इस साल दो दिन जन्माष्टमी (Janmashtami) का पर्व मनाया जा जाना. जन्माष्टमी कृष्ण के जन्म के जन्मोत्सव की खुशियां मनाने का पर्व है, जबकि दही हांडी उनकी बाल लीलाओं की झांकी दिखाने वाला उत्सव है. इस दिन गोविंदाओं को टोली पिरामिड बनाकर दही और माखन से भरी हांडी तोड़ते हैं. महाराष्ट्र में यह उत्सव बहुत जोर शोर से मनाया जाता है.
ऐसे मनाते हैं दही-हांडी उत्सव
जन्माष्टमी के एक दिन बाद भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशियां मनाने के लिए बच्चे और युवा गोविंदा बनकर दही हांडी का आयोजन करते हैं. इस अवसर पर जगह-जगह ऊंचाई पर दही और माखन से भरी मटकियां लटकाई जाती हैं. इन मटकियों को फोड़ने के लिए गोविंदा मानव पिरामिड बनाते हैं और इस उत्सव को धूमधाम से मनाते हैं.
क्यों मनाते हैं दही-हांडी उत्सव
भगवान श्रीकृष्ण की माता देवकी और पिता वसुदेव को कंस ने कारागार में रखा था, क्योंकि पहले ही यह आकाशवाणी हो चुकी थी कि आठवीं संतान कंस की मृत्यु का कारण बनेगी. इस भविष्यवाणी के बाद कंस ने देवकी और वसुदेव की सभी संतानों ही हत्या कर दी थी. लेकिन जब देवकी के गर्भ से उनकी आठवीं संतान के रूप में श्रीकृष्ण का जन्म हुआ तो वासुदेव ने किसी तरह से उन्हें गोकुल में यशोदा और नंद के यहां पहुंचा दिया. यहीं पर कृष्ण का लालन पालन हुआ और उनकी बाल लीलाओं का आरंभ हुआ.
यह भी पढ़ेंः Happy Janmashtami : मुगलों से बचकर जानें वृंदावन से जयपुर कैसे आए गोपीनाथ जी
बचपन में भगवान श्रीकृष्ण को दही और माखन प्रिय था और वे अक्सर गोपियों की मटकियों से माखन चुराकर खाया करते थे. नटखट कान्हा से बचाने के लिए गोपियां दही और माखन से भरी हांडियों व मटकियों को ऊंचाई पर टांग देती थीं, लेकिन कृष्ण बड़ी ही चतुराई से अपने दोस्तों के ऊपर चढ़कर मटकी से दही और माखन चुरा लेते थे. कई बार वो इस शरारत में दही-माखन से भरी मटकियों को फोड़ देते थे. श्रीकृष्ण की इन्हीं नटखट शरारतों से भरी बाल लीलाओं की झांकी दिखाने के लिए दही हांडी का त्योहार मनाया जाता है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें