नवरात्रि 2017: आठवें दिन करें मां महागौरी की पूजा, ये है पूजन विधि
नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा करने के विधान है। इस दिन मां की पूजा विधि-विधान के साथ करने से सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है।
नई दिल्ली:
नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा करने के विधान है। इस दिन मां की पूजा विधि-विधान के साथ करने से सभी परेशानियों से मुक्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं अगर आपके शादी होने में किसी भी तरह की रुकावट आ रही है, तो इस दिन उन लोगों को जरुर पूजा करनी चाहिए। इस दिन मां की पूजा करते समय दुर्गासप्तशती के आठवें अध्याय का पाठ करने से मां प्रसन्न होती हैं।
हिंदू धर्म का शास्त्र शिवपुराण के अनुसार माना जाता है कि जब मां केवल आठ बरस की थी तभी उन्हें पूर्व जन्म की घटनाओं का आबास हो गया था। इसीलिए इसी उम्र में वह भगवान शिव को पति के रुप में पाने के घोर तपस्या करना शुरु कर दी थी। इसीलिए अष्टमी के दिन मां की पूजा करने का विधान है।
ऐसा है मां का स्वरुप
शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि महागौरी को शिवा भी कहा जाता है। इनके हाथ में दुर्गा शक्ति का प्रतीक त्रिशूल है तो दूसरे हाथ में भगवान शिव का प्रतीक डमरू है। अपने सांसारिक रूप में महागौरी उज्ज्वल, कोमल, श्वेत वर्णी तथा श्वेत वस्त्रधारी और चतुर्भुजा हैं।
इनके एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में डमरू है तो तीसरा हाथ वरमुद्रा में हैं और चौथा हाथ एक गृहस्थ महिला की शक्ति को दर्शाता हुआ है। महागौरी को गायन और संगीत बहुत पसंद है। ये सफेद वृषभ यानी बैल पर सवार रहती हैं। इनके समस्त आभूषण आदि भी श्वेत हैं। महागौरी की उपासना से पूर्वसंचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं।
और पढ़ेंः #Navratri2017: बॉलीवुड के ये गानें डांडिया-गरबा नाइट का मजा करेंगे दोगुना
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें