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नवरात्रि 2017: जानें अखंड ज्योति जलाने के फायदे लेकिन साथ ही बरतें यह सावधानियां

नवरात्रि 2017 मां की कृपा पाने के लिए अखंड ज्योति जरूर जलाएं, जिन घरों में अखंड ज्योति जलाई जाती है वहां मां की कृपा हमेशा बनी रहती है।

Updated on: 25 Sep 2017, 03:20 PM

नई दिल्ली:

21 सितंबर से शारदीय नवरात्रि 2017 का शुभारंभ हो चूका है। नौ दिनों तक चलने वाली इस पूजा में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है। इस पावन पर्व पर कई घरों में घटस्थापना होती है और कई जगह अखंड ज्योति का विधान है।

ऐसी मान्यता है कि मां की कृपा पाने के लिए अखंड ज्योति एक बड़ा ही महत्वपूर्ण चरण है, जिन घरों में नवरात्रि के दौरान अखंड ज्योति जलाकर देवी की पूजा-अर्चना की जाती है वहां मां की कृपा हमेशा बरसती रहती है।

आज हम आपको बताएंगे नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने के क्या हैं मायने और फायदे जिन्हें जानने के बाद आप भी इस नवरात्रि पर अपने घर में भी अखंड ज्योति जरूर जलाएंगे।

  • अंखड ज्योति जलाने से घर और घर के लोगों पर हमेशा से मां की कृपा बनी रहती हैं। नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से पूजा स्थल पर कभी भी अनाप-शनाप चीजों का साया नहीं पड़ता है।
  • शुद्ध घी की ज्योति जलाने से घर में सकारात्मकता बढ़ती है और नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। इस वजह से घर में हो रहे लड़ाई झगड़े और बीमारियों में कमी आती है।
  • नवरात्रि के दौरान विद्यार्थियों को अखंड ज्योति जलानी चाहिए। इससे उनकी शिक्षा बेहतर होगी और दिमाग पर सकारात्मक असर होगा। वो रोज अखंड ज्योति में घी डालें और नियमित तौर पर पूजा करें तो उनकी बुद्धि पर भी सकारात्मक असर होगा।
  • सरसों के तेल की अखंड ज्योति जलाने से देवी खुश होती हैं और तुरंत सभी काम बनने लगते हैं। ऐसा करने से पितृ भी शांत रहते हैं औऱ घर में समृद्धि आती है।
  • नवरात्रि में अंखड दीप जलाना स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है क्योंकि घी और कपूर की महक से इंसान की श्वास और नर्वस सिस्टम बढ़िया रहता है।
  • अगर आप शनि का कुप्रभाव से बचना चाहते है तो अपने घर में अखंड ज्योति जरुर जलाये। माता की कृपा से शनिदेव घर के लोगों पर अपनी टेढ़ी दृष्टि हटा लेते है और घर वालों के बिगड़े काम बनने लगते हैं। अगर घर में तिल के तेल की ज्योति जले तो यह ज्यादा प्रभावी होता है।

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अखंड ज्योत जलाते वक्त बरतें ये सावधानियां

  • अखंड ज्योत में दीपक की लौ भी बहुत मायने रखती है। दीपक की लौ इतनी जलनी चाहिए कि चार उंगल आस पास उसकी लौ की ताप महसूस होनी चाहिए। जितनी ताप होगी उतना ही भाग्योदय होने की संभावना अधिक होगी।
  • शास्त्रों के अनुसार जिस समय तक अखंड ज्योति प्रज्वलित रखने का संकल्प लिया है, उससे पहले वह बुझनी नहीं होनी चाहिए। ऐसा होना अशुभ माना जाता है।
  • जिस स्थान पर अखंड ज्योति प्रज्वलित कर रहे हैं उसके आस-पास शौचालय या स्नानगृह नहीं होना चाहिए।
  • अखंड ज्योति को हवा से बचाने हेतु कांच के गोले में रखा जा सकता है। जिससे ज्योति निरंतर प्रज्वलित रहे।
  • नौ दिनों तक प्रज्वलित रहने वाली अखंड ज्योति घी/तेल की कमी के कारण बुझनी नहीं चाहिए। इसलिए उसमें पर्याप्त मात्रा में घी/तेल डालते रहे।
  • कभी भी दीपक से दीपक नहीं जलाना चाहिए। इससे घर परिवार में रोग और तंगहली बढ़ती है। इतना ही नहीं इससे मांगलिक कार्यों में भी बुरा असर पड़ता है।
  • संकल्प पूरा होने के बाद भी यदि अखंड ज्योति जल रही है तो उसे फूंक मार कर न बुझाएं, उसे प्रज्वलित रहने दें।

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