जानें मोक्षदा एकादशी को क्यों कहते हैं 'गीता जयंती', ये है पूजा-विधि
मार्गशीष शुक्ल एकादशी को ही कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। इसी वजह से यह तिथि 'गीता जयंती' के नाम से भी विख्यात है।
नई दिल्ली:
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का महत्वपूर्ण स्थान है। हर साल 24 एकादशी होती हैं। मार्गशीष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को 'मोक्षदा' के रूप में 30 नवंबर को मनाया जाएगा।
मोक्षदा एकादशी अनेकों पापों को नष्ट करने वाली है। इसे दक्षिण भारत में 'वैकुंठ एकादशी' के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने महाभारत शुरू होने से पहले अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।
मोक्षदा एकादशी के दिन तुलसी की मंजरी, धूप-दीप आदि से भगवान दामोदर का पूजन करना चाहिए। उपवास रखकर श्रीहरि के नाम का संकीर्तन और रात्रि जागरण करें। 1 दिसंबर को सुबह व्रत का पारण करें।
मार्गशीष शुक्ल एकादशी को ही कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को श्रीमद्भगवद्गीता का उपदेश दिया था। इसी वजह से यह तिथि 'गीता जयंती' के नाम से भी विख्यात है।
ये भी पढ़ें: मंदिर में क्यों बजाई जाती है घंटी? क्या ये है वजह...
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Akshaya Tritiya 2024: 10 मई को चरम पर होंगे सोने-चांदी के रेट, ये है बड़ी वजह
-
Abrahamic Religion: दुनिया का सबसे नया धर्म अब्राहमी, जानें इसकी विशेषताएं और विवाद
-
Peeli Sarso Ke Totke: पीली सरसों के ये 5 टोटके आपको बनाएंगे मालामाल, आर्थिक तंगी होगी दूर
-
Maa Lakshmi Mantra: ये हैं मां लक्ष्मी के 5 चमत्कारी मंत्र, जपते ही सिद्ध हो जाते हैं सारे कार्य