जानें आखिर स्वच्छता संदेश फैलाने के लिए कीटाणु संरक्षण ब्रांड 'लाइफबॉय' ने कुंभ में क्या किया
'स्वस्थ चेतना थाली' के जरिये 20 करोड़ लोगों तक हाथ धोने का स्वच्छता संदेश फैलाया जाएगा.
नई दिल्ली:
बीमारियों को कम करने के उद्देश्य से भोजन ग्रहण करने से पहले हाथ धोने की स्वस्थ आदत को प्रोत्साहित के लिए कीटाणु संरक्षण ब्रांड लाइफबॉय ने कुंभ में अनोखी पहल की है. 'स्वस्थ चेतना थाली' के जरिये 20 करोड़ लोगों तक हाथ धोने का स्वच्छता संदेश फैलाया जाएगा. कंपनी ने एक बयान में कहा कि लाइफबॉय ने पहले भी लोगों को रोटी पर छपे संदेश के साथ हाथ धोने की याद दिलाने के लिए कुंभ के अवसर का इस्तेमाल किया था, और इस बार भोजन परोसने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली थालियों का उपयोग किया है.
'स्वस्थ चेतना थाली' के नाम से पहचानी जाने वाली इन थालियों पर 'कृपया पहले साबुन से हाथ धोयें' का एक संदेश अंकित है, जो बिना हाथ धोए भोजन न करने का आह्वान है, जिससे कई बीमारियों से बचा जा सकता है.
यह भी पढ़ें- Kumbh 2019: स्नान घाटों पर महिलाओं की फोटोग्राफी पर इलाहाबाद HC ने लगाई रोक, 5 अप्रैल को अगली सुनवाई
कुंभ के साथ-साथ, लाइफबॉय इस विचार को भक्तों को भोजन परोसने वाले 35 अन्य धार्मिक जनसमूहों में भी ले जा रहा है, जिसमें अनुमानित तौर पर वर्ष भर में 20 करोड़ लोग शामिल होते हैं. एचयूएल के स्किन क्लींजिंग के महाप्रबंधक हरमन ढिल्लों ने कहा, "हमें उम्मीद है कि भोजन करने से पहले एक साधारण रिमाइंडर लोगों की आदतों में सार्थक बदलाव लायेगा, जो अधिक से अधिक लोगों को खाने से पहले अपने हाथ धोने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है. लाइफबॉय हाथ धोने के जरिये लोगों को बीमारियों से बचाने और स्वास्थ्य में सुधार लाने के तरीके खोजने के लिए प्रतिबद्ध है."
2013 में लाइफबॉय के कुंभ अभियान को व्यापक रूप से सराहा गया था, क्योंकि तब लाइफबॉय ने मेले में 100 से अधिक ढाबों और होटलों के साथ रोटियां परोसने के लिए पार्टनरशिप किया था. इस बार हाथ धोने का संदेश थाली पर अंकित किया गया है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Good Friday 2024: क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे, जानें प्रभु यीशु के बलिदान की कहानी
-
Sheetala Ashtami 2024: कब है 2024 में शीतला अष्टमी? जानें पूजा कि विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व
-
Chaitra Navaratri 2024: भारत ही नहीं, दुनिया के इन देशों में भी है माता के शक्तिपीठ
-
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य के अनुसार देश का शासक कैसा होना चाहिए, जानें