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kumbh mela 2019 : यूनेस्को ने दिया कुंभ को ये विशेष दर्जा, तस्वीरों में देखें भव्य कुंभ के पहले दिन की हलचल

प्रदेश सरकार का दावा है कि मौनी अमावस्‍या में तीन करोड़ तीर्थयात्री आएंगे.

Updated on: 16 Jan 2019, 02:48 PM

नई दिल्ली:

यूपी के प्रयागराज में 15 जनवरी से शुरू हुए कुंभ मेला-2019 में 12 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों के आने का अनुमान है. प्रदेश सरकार का दावा है कि मौनी अमावस्‍या में तीन करोड़ तीर्थयात्री आएंगे. इसके अलावा हर रोज करीब 20 लाख तीर्थयात्री यहां पहुंचेगे. वहीं दस लाख विदेशी पर्यटकों के पहुंचने का भी अनुमान है. इसी के साथ केंद्र सरकार के अथक प्रयास के बाद यूनेस्को ने कुंभ को मानवता के अमूर्त सांस्कृतिक विरासतों की सूची में शामिल किया है. इसके अलावा इस बार मेले में एक खास बात यह है कि यहां 450 वर्षों के बाद पहली बार भक्तों को अक्षय वट और सरस्वती कूप में प्रार्थना करने का अवसर मिलेगा. अभी तक अक्षय वट में आम लोगों को जाने की इजाजत नहीं थी. यह कुंभ 15 जनवरी से लेकर 4 मार्च तक चलेगा. प्रयागराज में हो रहे इस कुंभ मेले में छह प्रमुख स्नान तिथियां होंगी. यहां जानिए पूरे 50 दिन चलने वाले इस अर्द्ध कुंभ की सभी महत्वपूर्ण स्नान तिथियां-

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मकर संक्रांति ( 14 January, 2019)

कुंभ की शुरुआत मकर संक्रांति के दिन पहले स्नान से होगी. इसे शाही स्नान और राजयोगी स्नान भी कहा जाता है. इस दिन विभिन्न अखाड़ों के संत की पहले शोभा यात्रा निकलेंगे और फिर शाही स्नान होगा. दरअसल, माघ माह के पहले दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है. इसलिए इस दिन को मकर संक्रान्ति भी कहते हैं.

पौष पूर्णिमा ( 21 January, 2019)

पौष महीने की 15वीं तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं. इस पूर्णिमा के बाद ही माघ महीने की शुरुआत होती है. ऐसे मान्‍यता है कि जो व्यक्ति इस दिन स्नान करता है उसे मोक्ष प्राप्त होता है. वहीं, इस दिन से सभी शुभ कार्यों की शुरुआत कर दी जाती है. वहीं, इस दिन संगम पर सुबह स्नान के बाद कुंभ की अनौपचारिक शुरुआत हो जाती है. इस दिन से कल्पवास भी आरंभ हो जाता है.

मौनी अमावस्या ( 4 February, 2019)

कुंभ मेले में तीसरा महास्नान मौनी अमावस्या के दिन किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन कुंभ के पहले तीर्थाकर ऋषभ देव ने अपनी लंबी तपस्या का मौन व्रत तोड़ा था और संगम के पवित्र जल में स्नान किया था. मौनी अमावस्या के दिन कुंभ मेले में बहुत बड़ा मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में भीड़ उमड़ती है. साल 2019 में मौनी अमावस्या 4 फरवरी को है.

बसंत पंचमी (10 February, 2019)

बसंत पंचमी माघ महीने की पंचमी तिथ‍ि को मनाई जाती है. बसंत पंचमी के दिन से ही बसंत ऋ‍तु शुरू हो जाती है. कड़कड़ाती ठंड के सुस्त मौसम के बाद बसंत पंचमी से ही प्रकृति की छटा देखते ही बनती है. वहीं, हिंदू मान्‍यताओं के अनुसार इस दिन देवी सरस्‍वती का जन्‍म हुआ था. इस बार बसंत पंचमी 10 फरवरी को है.

माघी पूर्णिमा (19 February, 2019)

बसंत पंचमी के बाद कुंभ मेले में पांचवां महास्नान माघी पूर्णिमा को होता है. मान्यता है कि इस दिन सभी हिंदू देवता स्वर्ग से संगम पधारे थे. वहीं, माघ महीने की पूर्णिमा (माघी पूर्णिमा) को कल्पवास की पूर्णता का पर्व भी कहा जाता है. इस दिन माघी पूर्णिमा समाप्त हो जाती है. इस दिन गुुरु बृहस्पति की पूजा की जाती है. इस बार माघी पूर्णिमा 19 फरवरी को है.

महाशिवरात्रि ( 4 March, 2019)

कुंभ मेले का आखिरी स्नान महा शिवरात्रि के दिन होता है. इस दिन सभी कल्पवासियों अंतिम स्नान कर अपने घरों को लौट जाते हैं. भगवान शिव और माता पार्वती के इस पावन पर्व पर कुंभ में आए सभी भक्त संगम में डुबकी जरूर लगाते हैं. मान्यता है कि इस पर्व का देवलोक में भी इंतज़ार रहता है. इस बार महाशिवरात्रि चार मार्च को है.

दुनिया की सबसे बड़ी टेंट सिटी

प्रयागराज में कुंभ मेले के लिए दुनिया की सबसे बड़ी टेंट का शहर तैयार किया गया है. यहां के कई टेंट में आलीशान सूईट से लेकर धर्मशालाएं तक बनाई गईं हैं. ये टेंट सिटी इतनी विशाल है कि इसे पैदल पूरा घूमना आसान नहीं होगा. यहां संगम तट पर बनी टेंट सिटी का एरियर व्यू इतना मनोरम होता है, जो आपको कहीं और देखने को नहीं मिलेगा.

एक नजर में जाने मंगलवार से हुए कुंभ के अपडेट

  • कुंभ मेला प्रशासन ने किया दावा 14-15 जनवरी दोनों ही तारीखों को कुल दो करोड़ लोगों ने लगाई गंगा में डुबकी.
  • कुंभ मेले में अपनों से बिछड़े लगभग 200 लोगों को उनके अपनों से मिलवाने के लिए एनजीओ को दी गई जिम्मेदारी.
  • मकर संक्रांति के मौके पर दो केन्द्रीय मंत्रियों उमा भारती और स्मृति ईरानी ने लगायी आस्था की डुबकी, प्रशासन ने पर्व का दिन होने के चलते नहीं दिया मंत्रियों को प्रोटोकॉल. आम श्रद्धालुओं की तरह ही केन्द्रीय मंत्रियों ने किया स्नान.