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Kumbh mela 2019 : जानें कितने करोड़ का है कुंभ मेला, बजट जानकर हैरान रह जाएंगे आप

उत्तर प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से भी आधा खर्च वहन करने को कहा है. यह अब तक का सबसे मंहगा तीर्थ आयोजन होगा.

Updated on: 31 Dec 2018, 08:59 AM

नई दिल्ली:

वर्ष 2019 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में होने वाले कुंभ मेले के आयोजन में सूबे की सरकार यहां आने वाले हर तीर्थयात्री को सुविधा देने के लिए पुर जोर तरीके से लगी हुई है. जिसके लिए प्रदेश सरकार ने बहुत पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी थीं. इसका अनुमानित बजट 4200 करोड़ रुपए रखा गया है. साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने केन्द्र सरकार से भी आधा खर्च वहन करने को कहा है. यह अब तक का सबसे मंहगा तीर्थ आयोजन होगा. वहीं बात करें यदि पिछले कुंभ यानी 2013 के अंतिम पूर्ण कुंभ की तो वह 2019 के अनुमानित राशि के एक तिहाई से भी कम खर्च हुई थी. मीडिया रिपोर्टस के अनुसार उत्तर प्रदेश के सचिव ने कहा कि साल 2019 में आयोजित होने वाले कुंभ मेले के लिए 4236 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का एक खाका तैयार किया गया है. राज्य सरकार ने इसके लिए 2000 करोड़ रुपए जारी भी कर दिए हैं. वहीं केंद्र सरकार को 2200 रुपए जारी करने के लिए पत्र भी लिखा गया है.

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बता दें कि साल 2013 में हुए कुंभ मेले के आयोजन पर करीब 1300 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. वहीं उस समय केंद्र में यूपीए की सरकार थी जिसने 1017 करोड़ रुपए राज्य को दिए थे. इलाहाबाद में महाकुंभ हर 12 साल में एक बार होता है जबकि कुंभ हर छठे साल नदियों के किनारे बसे 4 शहरों- हरिद्वार, इलाहाबाद, नासिक और उज्जैन में बारी-बारी से होता है.यूपी सरकार के ब्लूप्रिंट के मुताबिक, कुंभ का आयोजन अगले साल 14 जनवरी से 4 मार्च तक होगा.यूपी सरकार के ब्लूप्रिंट के 5 मुख्य भाग हैं.

पहला
योगी सरकार ने 49 दिनों तक चलने वाले इस मेले के लिए पहले ही 2,000 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान कर दिया है, जो अखिलेश सरकार के दौरान साल 2013 में हुए महाकुंभ की तुलना में लगभग दोगुना है.

दूसरा
इस बार कुंभ मेले के लिए निर्धारित एरिया को 25 पर्सेंट बढ़ाकर 2500 हेक्टेयर कर दिया है.इसलिए इस बार कुंभ मेले में 14 की जगह 20 सेक्टर होंगे.

तीसरा
6 साल पहले हुए महाकुंभ में 3500 धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने कैंप लगाए थे.इस बार पहले ही 5000 धार्मिक और सामाजिक संगठन कैंप लगाने के आवेदन दे चुके हैं.

चौथा
यूपी सरकार के ब्लूप्रिंट के मुताबिक, 'कुंभ के दौरान 6 पवित्र स्नानों में से एक मौनी अमावस्या के दिन 3 करोड़ श्रद्धालुओं के इलाहाबाद में आने की उम्मीद है.मौनी अमावस्या 4 फरवरी, 2019 को है।'

पांचवां
कुंभ के दौरान इलाहाबाद में 10 लाख विदेशी श्रद्धालुओं के भी आने की उम्मीद है. साथ ही कुंभ में इस बार 20 लाख एनआरआई के भी आने की संभावना है.यहां तक कि यूपी सरकार वाराणसी में 24 जनवरी को होने वाले 15वें प्रवासी भारतीय दिवस के बाद वहां से 5,000 एनआरआई को सीधे इलाहाबाद ले जाने के लिए स्पेशल ट्रेन भी चलाएगी. कुंभ की जानकारी घर बैठे लोगों तर पहुंचे इसके लिए यूपी सरकार ने कुंभ मेले के लिए एक अलग वेबसाइट, मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया पेज भी लॉच कर दिया है. विदेश मंत्रालय भी कुंभ के प्रचार के लिए विदेश में रोड शो का आयोजन करेगा.