इस मुहूर्त में करें भगवान धनवंतरी की पूजा, सुधरेगी सेहत, बरसेगा धन
भगवान धनवंतरी की पूजा: धन प्राप्ति और स्वास्थ्य सुख पाने के लिए धनतेरस का पर्व बेहद शुभ माना जाता है. भारतीय परंपरा के अनुसार इसी दिन से दीपावली के पावन पर्व और मां लक्षमी की पूजा, उपासना की साधना आरम्भ होती है. कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है.
नई दिल्ली:
धन प्राप्ति और स्वास्थ्य सुख पाने के लिए धनतेरस को शुभ माना जाता है. भारतीय परंपरा के अनुसार इसी दिन से दीपावली के पावन पर्व और मां लक्षमी की पूजा, उपासना की साधना आरम्भ होती है. कार्तिक माह की त्रयोदशी धन त्रयोदशी के नाम से भी जानी जाती है. इस दिन आयुर्वेद के जनक भगवान धनवंतरी के साथ यम की पूजा की जाती है. समुद्र मंथन में धनवंतरी का प्राकट्य हुआ था और इन्हें भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है. माना जाता है कि चिकित्सा महाविज्ञान के विस्तार एवं प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धनवंतरी के रूप मे अवतार लिया.
इस मुहूर्त में करें धनतेरस की पूजा: चोघडिया शुभ, लाभ एवं अमृत में कुबेर की पूजा का अत्यंत शुभ माना जाता है, इस मुहूर्त में की गई पूजा सम्पूर्ण मनोकामनाओं को पूरा करती है.
किसके लिए कब है शुभ मुहूर्त: व्यापारी, और सुरक्षा कर्मियों के लिए- मध्याह्नकाल में- 12.23 से 1.49 बजे तक का समय बेहद शुभ रहेगा. सुंदरता में वृद्धि, रुका हुआ धन पुनः प्राप्त करने और असाध्य रोगों की शांति के लिए- सायंकाल 5.50 से 6.22 बजे तक का समय शुभ रहेगा. विद्या प्राप्ति, नौकरी में उन्नति और सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए- सूर्यास्त के बाद दो घंटे 24 मिनट की अवधि तक लक्ष्मी-कुबेर पूजन करना बेहद शुभ रहेगा.
पूजा का संपूर्ण विधि ः सबसे पहले स्नान आदि से शुद्ध होकर पूजा स्थान को पंचगव्य एवं गंगाजल से पवित्र करें. लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछा दें. चौकी के ऊपर कुबेर, धनवंतरी और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें.अग्निकोण में अखंड दीप एवं ईशानकोण में तीर्थ कलश की स्थापना करें. माता लक्ष्मी के चित्र के सामने दक्षिणावर्ती शंख की स्थापना करें. इसके बाद सम्पूर्ण पूजा सामग्री अपने दाहिने हाथ की तरफ स्थापित करें. तीन बार आचमन फिर शरीर को पवित्र करें.
लाल आसन का प्रयोग करेंः पूजा में लाल आसन का प्रयोग करें, पूजा के समय अपना मुख पूर्व दिशा की ओर रखें,भगवान गणेश स्मरण मंत्रों का उच्चारण करें, हाथ मे अक्षत, पुष्प, जल , द्रव्य लेकर पूजा का संकल्प करें, संकल्प अपने नाम, गोत्र और अपनी मनोकामना का स्मरण करें, पूजा में यज्ञोपवित, तिलक एवं रक्षासूत्र धारण करें, पूजा पंचोपचार या षोडशोपचार करें, मंत्र का जाप 7 माला करें, जाप के लिए स्फटिक की माला का प्रयोग करें, यह नियम पांच दिन तक करें, मंत्र जप पूरा हो जाने के पश्चात दक्षिणावर्ती शंख को लाल वस्त्र मे बांधकर पूजा स्थान मे स्थापित करें, कुबेर देवता की प्रसन्नता एवं मनोवांछित समृद्धि पाने के लिए 13 दीप दान करें . शंख की पूजा प्रतिदिन करते रहें, जबतक वह शंख घर मे रहेगा निरंतर घर मे धन की उन्नति होती रहेगी.
कुबेर को प्रसन्न करने का मंत्र- यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्याधिपतये समृद्धिं मे देहि, दापय दापय स्वाहा
ॐ श्रीं ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः
इन मंत्रों का 10 माला जाप करें. जाप करते समय मुख उत्तर दिशा में रखें
धनतेरस के दिन यहअवश्य करें
अपने सामर्थ्य के अनुसार सोना,चांदी अन्य धातु या नए बर्तन खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है, दीपावली की पूजा के लिए इसी दिन लक्ष्मी- गणेश की प्रतिमा अपने घर पर लाने का नियम है, बर्तन खरीदकर घर लाते समय खाली बर्तन न लाएं बल्कि बर्तन मे कुछ मीठा अवश्य डालें, धन त्रयोदशी में बर्तन और धातु के अलावा सूखे धनिया के बीज खरीदकर घर लाने से परिवार की धन सम्पदा में वृद्धि करता है, सायंकाल घर के मंदिर मे एक बड़ा अखण्ड दीपक पांच दिन तक के लिए जलाएं, अखण्ड दीपक में 5 लौंग दाल दें, इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं, धनतेरस से यम द्वितीय तक घर में आने वाले छोटे-बड़े, अमीर-गरीब सभी अतिथियों को मिष्ठान, फल , मेवा या जल से अतिथि-सत्कार अवश्य करें, इससे घर में स्थायी समृद्धि का वास होता है. धनतेरस के दिन अपने लिए दाहिने हाथ के नाप का चांदी का कड़ा बनवाएं, दीपावली की रात्रि सिंह लग्न मे मां लक्ष्मी का पूजन करते समय कड़े का भी पूजन करें, अगले दिन प्रातः काल स्नानक करके गोवर्ध पूजा करें और कड़े को अपने दाहिने हाथ में धारण कर लें, इससे आपके अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा और धन की स्थिति मजबूत होगी
यह न करें- धनत्रयोदशी के दिन किसी को भी कोई भी वस्तु या पैसा उधार न दें. धनत्रयोदशी के दिन किसी की आलोचना, झगड़े, वाद-विवाद की बात न करें
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