हरतालिका तीज 2018: इतने बजे से पहले करें पूजा, तभी मिलेगा लाभ
हरितालिका तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है। इस दिन शंकर-पार्वती की बालू और मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजा की जाती है।
नई दिल्ली:
हरतालिका तीज 2018: हरतालिका तीज का त्योहार आज देशभर में मनाया जा रहा है. यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है. तीज भाद्र पद के शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, जो गणेश चतुर्थी के एक दिन पहले होता है. सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए और लड़कियां अच्छा पति पाने के लिए आज के दिन व्रत रखती हैं. आज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन भगवान को पंचामृत भी अर्पित किया जाता है, जो घी, दही, शक्कर, दूध, शहद आदि से तैयार किया जाता है. सुहागिन महिलाएं बड़े उत्साह से तीज का त्योहार बनाती हैं. महिलाओं को आज के दिन सिंदूर, मेहंदी, बिंदी, चूड़ी, काजल आदि दिये जाते हैं.
हरतालिका तीज का शुभ मुहूर्त-
तीज इस बार बुधवार 12 सितंबर को मनाई जा रही है. सूर्योदय से पहले शाम के समय 6 बजकर 46 मिनट तक पूजा की जा सकेगी.
पूजा के लिए जरूरी सामग्री-
बेलपत्र, शमी, पत्र, केले के पत्ते, धतूरे का फल और फूल, तुलसी, मंजरी, जनैऊ, नाड़ा, वस्त्र, कलश, अबीर, चंदन, घी-तेल, कपूर, कुमकुम, दीपक, फुलहरा आदि.
और पढ़ें- पति के दीर्घायु के लिए सुहागिनें करती हैं 'तीज', व्रत रखते समय इन बातों का रखें खास ख्याल
पूजन विधि-
हरतालिका तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती है. इस दिन शंकर-पार्वती की बालू और मिट्टी की मूर्ति बनाकर पूजा की जाती है. घर साफ-सफाई कर तोरण-मंडप आदि सजाया जाता है. आप एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती व उनकी सखी की आकृति बनाएं. इसके बाद देवताओं का आवाहन कर पूजन करें. इस व्रत का पूजन पूरी रात किया जाता है. इसके साथ ही प्रत्येक पहर में भगवान शंकर का पूजन व आरती होती है.
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