पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है 'गुड फ्राइडे', प्रभु यीशु के बलिदान से जुड़ा है दिन
ईसाई धर्म गुड फ्राइडे का खास महत्व होता है क्योंकि इस दिन इसाई धर्म के प्रवर्त्तक प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था।
नई दिल्ली:
ईसाई धर्म गुड फ्राइडे का खास महत्व होता है क्योंकि इस दिन इसाई धर्म के प्रवर्त्तक प्रभु यीशु मसीह ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था। इसलिए आज के दिन को ईसाई अनुयायी शोक दिवस के रूप में भी मनाते है। इस दिन ईसाई धर्म को मानने वाले चर्च जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं।
इस दिन गिरिजाघरों में जिस सूली (क्रॉस) पर प्रभु यीशु को चढ़ाया गया था, उसके प्रतीकात्मक रूप को सभी भक्तों के लिए गिरजाघरों में रखा जाता है। जिसे सभी अनुयायी एक-एक कर आकर चूमते हैं।
ईसाई धर्म के अनुसार ईसा मसीह परमेश्वर के पुत्र थे। उन्हें मृत्यु दंड इसलिए दिया गया था क्योंकि वो अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए लोगों को शिक्षित और जागरुक कर रहे थे। उस वक्त यहूदियों के कट्टरपंथी रब्बियों यानी कि धर्मगुरुओं ने यीशु का पुरजोर विरोध किया।
कट्टरपंथियों ने उस समय के रोमन गवर्नर पिलातुस से यीशु की शिकायत कर दी। रोमन हमेशा इस बात से डरते थे कि कहीं यहूदी क्रांति न कर दें। ऐसे में कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया।
अपने हत्यारों की उपेक्षा करने के जगह प्रभु यीशु ने उनके लिए प्रार्थना करते हुए कहा था, 'हे ईश्वर! इन्हें क्षमा कर क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।'
Special prayers organised at churches for #GoodFriday, visuals from #Mumbai. pic.twitter.com/KbIGdYW2Ic
— ANI (@ANI) March 30, 2018
कैसे मनाया जाता हैं ये खास दिन
इसाई मान्यताओं के अनुसार, आमतौर पर पवित्र गुरुवार की शाम के प्रभु भोज के बाद कोई उत्सव नहीं होता, जब तक कि ईस्टर की अवधि बीत न जाए। इसके साथ ही इस दौरान पूजा स्थल पूरी तरह से खाली रहता है। वहां क्रॉस, मोमबत्ती या वस्त्र कुछ भी नहीं रहता है। ऐसे प्रथा के अनुसार, जल का आशीर्वाद पाने के लिए पवित्र जल संस्कार के पात्र खाली किए जाते हैं। इसके अलावा प्रार्थना के दौरान बाइबल और अन्य धर्म ग्रंथों का पाठ, क्रॉस की पूजा और प्रभु भोज में शामिल होने की प्रथा चली आ रही है।
कहा जाता है कि जिस दिन ईसा मसीह को क्रॉस पर लटकाया गया था उस दिन फ्राइडे यानी कि शुक्रवार था। तभी से उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाने लगा। क्रॉस पर लटकाए जाने के तीन दिन बाद यानी कि रविवार को ईसा मसीह फिर से जीवित हो उठे थे। इसी की खुशी में ईस्टर या ईस्टर रविवार मनाया जाता है। इस दिन को ईस्टर संडे कहा जाता है
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
-
Arti Singh Wedding: दुल्हन आरती को लेने बारात लेकर निकले दीपक...रॉयल अवतार में दिखे कृष्णा-कश्मीरा
-
Salman Khan Firing: सलमान खान के घर फायरिंग के लिए पंजाब से सप्लाई हुए थे हथियार, पकड़ में आए लॉरेंस बिश्नोई के गुर्गे
धर्म-कर्म
-
Maa Lakshmi Puja For Promotion: अटक गया है प्रमोशन? आज से ऐसे शुरू करें मां लक्ष्मी की पूजा
-
Guru Gochar 2024: 1 मई के बाद इन 4 राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से बृहस्पति देव भर देंगे इनकी झोली
-
Mulank 8 Numerology 2024: क्या आपका मूलांक 8 है? जानें मई के महीने में कैसा रहेगा आपका करियर
-
Hinduism Future: पूरी दुनिया पर लहरायगा हिंदू धर्म का पताका, क्या है सनातन धर्म की भविष्यवाणी