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History Of Ayodhya: क्‍या आप जानते हैं भगवान श्रीराम के पुत्र लव-कुश के नाती-पोतों का नाम?

अयोध्या (Ayodhya) के रामजन्म भूमि विवाद (Ramjanm Bhoomi Vivad) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इस हफ्ते शनिवार तक फैसला सुना सकता है.फैसला चाहे जिसके पक्ष में आए पर क्‍या आप अयोध्‍या का इतिहास जानते हैं.

नई दिल्‍ली:

अयोध्या (Ayodhya) के रामजन्म भूमि विवाद (Ramjanm Bhoomi Vivad) पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) इस हफ्ते शनिवार तक फैसला सुना सकता है.फैसला चाहे जिसके पक्ष में आए पर क्‍या आप अयोध्‍या का इतिहास जानते हैं. श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शुत्रुघ्‍न की जलसमाधि तक की कहानी तो सभी जानते हैं पर उनके बाद अयोध्‍या का राजा कौन बना? लव या कुश? क्‍या आपको पता है कि श्रीराम के पुत्रों लव और कुश का वंश कहां तक गया? आपके मन में भी ऐसे सवाल आते हैं तो ये रहा इसका जवाब..

लव और कुश राम के जुड़वां बेटे थे. जब राम ने वानप्रस्थ लेने का निश्चय कर भरत का राज्याभिषेक करना चाहा तो भरत नहीं माने. अत: दक्षिण कोसल प्रदेश (छत्तीसगढ़) में कुश और उत्तर कोसल में लव का अभिषेक किया गया.कहा जाता है कि राम के काल में भी कोशल राज्य उत्तर कोशल और दक्षिण कोशल में बंटा था. कालिदास के रघुवंश अनुसार राम ने अपने पुत्र लव को शरावती का और कुश को कुशावती राज्य दिया था.

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लव का राज्य उत्तर भारत में और कुश का राज्य दक्षिण में था. कुश की राजधानी कुशावती आज के बिलासपुर जिले में थी. कोसला को राम की माता कौशल्या की जन्म भूमि माना जाता है. रघुवंश के अनुसार कुश को अयोध्या जाने के लिए विंध्याचल को पार करना पड़ता था इससे राजा लव से राघव राजपूतों का जन्म हुआ जिनमें बर्गुजर, जयास और सिकरवारों का वंश चला. इसकी दूसरी शाखा थी सिसोदिया राजपूत वंश की जिनमें बैछला (बैसला) और गैहलोत (गुहिल) वंश के राजा हुए. कुश से कुशवाह (कछवाह) राजपूतों का वंश चला.

  1. भगवान श्री राम के दो पुत्र थे –लव और कुश
  2. कुश के पुत्र अतिथि
  3. अतिथि के पुत्र निषधन.
  4. निषधन के पुत्र नभ.
  5. नभ के पुत्र पुण्डरीक.
  6. पुण्डरीक के पुत्र क्षेमन्धवा.
  7.  क्षेमन्धवा के पुत्र देवानीक.
  8. देवानीक के पुत्र अहीनक.
  9. अहीनक से रुरु.
  10. रुरु से पारियात्र.
  11. पारियात्र से दल.
  12. दल से छल.
  13. छल से उक्थ.
  14. उक्थ से वज्रनाभ.
  15. वज्रनाभ से गण.
  16. गण से व्युषिताश्व.
  17. व्युषिताश्व से विश्वसह.
  18. विश्वसह से हिरण्यनाभ.
  19. हिरण्यनाभ से पुष्य.
  20. पुष्य से ध्रुवसंधि.
  21. ध्रुवसंधि से सुदर्शन.
  22. सुदर्शन से अग्रिवर्ण.
  23. अग्रिवर्ण से पद्मवर्ण.
  24. पद्मवर्ण से शीघ्र.
  25. शीघ्र से मरु.
  26. मरु से प्रयुश्रुत.
  27. प्रयुश्रुत से उदावसु.
  28. उदावसु से नंदिवर्धन.
  29. नंदिवर्धन से सकेतु.
  30. सकेतु से देवरात.
  31. देवरात से बृहदुक्थ.
  32. बृहदुक्थ से महावीर्य.
  33. महावीर्य से सुधृति.
  34. सुधृति से धृष्टकेतु.
  35. धृष्टकेतु से हर्यव.
  36. हर्यव से मरु.
  37. मरु से प्रतीन्धक.
  38. प्रतीन्धक से कुतिरथ.
  39. कुतिरथ से देवमीढ़.
  40. देवमीढ़ से विबुध.
  41. विबुध से महाधृति.
  42. महाधृति से कीर्तिरात.
  43. कीर्तिरात से महारोमा.
  44. महारोमा से स्वर्णरोमा.
  45. स्वर्णरोमा से ह्रस्वरोमा.
  46. ह्रस्वरोमा से सीरध्वज का जन्म हुआ. ये “सीरध्वज” सिता के पिता जनक सीरध्वज से अलग है क्योंकि सीरध्वज नाम से अनेक और व्यक्ति हुए हैं.
  47. शल्य, माद्रा (मद्रदेश) के राजा जो पांडु के सगे साले और नकुल व सहदेव के मामा थे. महाभारत में इन्होंने पांडवों का साथ नहीं दिया और कर्ण के सारथी बन गए थे.
  48. कर्ण की मृत्यु पर युद्ध के अंतिम दिन इन्होंने कौरव सेना का नेतृत्व किया और उसी दिन युधिष्ठिर के हाथ मारे गए. इनकी बहन माद्री, कुंती की सौत थीं और पांडु के शव के साथ चिता पर जीवित भस्म हो गई थीं.
  49. एक शोधानुसार लव और कुश की 50वीं पीढ़ी में शल्य हुए, जो महाभारत युद्ध में कौरवों की ओर से लड़े थे. यह इसकी गणना की जाए तो लव और कुश महाभारत काल के 2500 वर्ष पूर्व से 3000 वर्ष पूर्व हुए थे.
  50. शल्य के बाद बहत्क्षय, ऊरुक्षय, बत्सद्रोह, प्रतिव्योम, दिवाकर, सहदेव, ध्रुवाश्च, भानुरथ, प्रतीताश्व, सुप्रतीप, मरुदेव, सुनक्षत्र, किन्नराश्रव, अन्तरिक्ष, सुषेण, सुमित्र, बृहद्रज, धर्म, कृतज्जय, व्रात, रणज्जय, संजय, शाक्य, शुद्धोधन, सिद्धार्थ, राहुल, प्रसेनजित, क्षुद्रक, कुलक, सुरथ, सुमित्र हुए. महाभारत के पश्चात अयोध्या के सूर्यवंशी राजा सुमित्र हुए.
  51. उदयपुर और जयपुर राजघरानों की ओर से श्रीराम के वंशज होने का दावा किया गया था वहीं सिरोही राजघराना श्रीराम के वंशज बताता रहा है.
  52. जयपुर की पूर्व राजकुमारी और राजसमंद से सांसद दीया कुमारी ने एक ट्वीट में कहा, "हां, भगवान राम के वंशज पूरी दुनिया में हैं. हमारा परिवार भी उनके पुत्र कुश का वंशज है."
  53. जयपुर की पूर्व रानी पद्मिनी देवी ने भी अपने परिवार को भगवान राम का वंशज बताया था. उन्होंने कहा कि उनका परिवार भगवान राम के पुत्र कुश के परिवार से संबद्ध है. उन्होंने कहा कि जयपुर के पूर्व राजा और उनके पति भवानी सिंह कुश की 309वीं पीढ़ी थे.

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं मान्यताओं पर आधारित हैं. Newsstate.com इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)