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Maha Shivratri 2020: महाशिवरात्रि के दिन भूलकर भी न करें ये काम, हो सकता है नुकसान

महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव-पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. हालांकि शिवरात्रि के दौरान ऐसी कुछ चीजें हैं जिन्हें हमें करने से बचना चाहिए

Updated on: 20 Feb 2020, 08:40 AM

नई दिल्ली:

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाना वाला महाशिव रात्रि का त्योहार देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदुओं के लिए इस त्योहार का काफी महत्व है. इस साल शिवरात्रि 21 फरवरी को मनाई जा रही है. देव महादेव के बारे में कहा जाता है कि वह जिस पर भी प्रसन्न हो जाते हैं, उसकी झोली खुशियों से भर देते हैं. कहते हैं कि महाशिवरात्रि के अवसर पर शिव-पार्वती की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. हालांकि शिवरात्रि के दौरान ऐसी कुछ चीजें हैं जिन्हें हमें बिल्कुल नहीं करना चाहिए. क्या है वो चीजें, आइए जानते हैं-

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भूल कर भी करें ये काम


1. शिवरात्रि के दिन काले कपड़े भूलकर भी नहीं पहनने चाहिए. इस दिन काले कपड़े पहनना अशुभ होता है.
2. शिवलिंग पर कभी तुलसी नहीं चढ़ानी चाहए. इसके अलावा शिवलिंग का अभिषेक करने के लिए स्टील प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल न करें.
3.भगवान शिव को कभी भी केतकी और चंपा के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए. कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था.
4. भगवान शिव की पूजा में टूटे हुए चावल बिल्कुल नहीं चढ़ाने चाहिए
5. शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए.

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महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

21 तारीख को शाम को 5.20 बजे से 22 फरवरी शनिवार को शाम 7.02 बजे तक रहेगा.

शिवरात्रि की पूजा विधि

भगवान शिव को कई नामों से जाना जाता है. भोलेनाथ के बारे में कहा जाता है कि वो ऐसे भगवान है कि उन्हें प्रसन्न करने के लिए ज्यादा सामग्री की जरूरत नहीं पड़ती है. वो जल्द प्रसन्न हो जाने वाले देव हैं. उन्हें 56 प्रकार का भोग नहीं, बल्कि कंदमूल अर्पित करने से भी प्रसन्न हो जाते हैं.

-सबसे पहले भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराएं.
-चंदन का तिलक लगाए.
-बेल पत्र, भांग, धतूरा, तुलसी चढ़ाए.
-मिठाई अर्पित करें.
-दीपक और धूप दिखाएं.
-शिव मंत्र के साथ हवन करें.
- केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें.

पूजा करते वक्त ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें.

आपने देखा होगा कि शिवलिंग मंदिर के गर्भगृह में नहीं बल्कि बाहर होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान शिव ऐसे अकेले देव हैं जो सभी पर अपना ध्यान देते हैं. इंसान, भूत, पिचाश, देव, दानव सभी पर अपनी कृपा दृष्टि बरसाते हैं. भगवान शिव थोड़े से जल चढ़ाने मात्र से ही प्रसन्न हो जाते .