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गणेश चतुर्थी पर दो शुभ योग संग चार ग्रहों का संयोग बनाएगा बिगड़े काम, करें इन मंत्रों का जाप

भगवान गणेश को विघ्नकर्ता कहा जाता है. नौकरी से लेकर शादी-ब्याह, बिजनेस या और भी दूसरे काम बन नहीं रहे तो इन मंत्रों का जाप फायदेमंद साबित होगा.

Updated on: 01 Sep 2019, 08:37 AM

highlights

  • सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र एक साथ विद्यमान रहेंगे.
  • गणेश प्रतिमाओं की स्थापना चित्रा नक्षत्र में की जाएगी.
  • कुछ बिगड़े काम बनाने के लिए मंत्रों का जाप फायदेमंद रहेगा.

नई दिल्ली.:

गणेश चतुर्थी पर काफी लंबे समय बाद कई शुभ संयोग बनेंगे. एक ओर जहां ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति से शुक्ल और रवियोग बनेगा, वहीं सिंह राशि में चतुरग्रही योग भी बन रहा है. यानी सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र एक साथ विद्यमान रहेंगे. ग्रहों और सितारों की इस शुभ स्थिति के कारण इस त्योहार का महत्व और शुभता और बढ़ जाएगी.

दो सितंबर को गणेश चतुर्थी के साथ ही दस दिवसीय गणेशोत्सव शुरू हो जाएगा. लंबे समय बाद इस बार गणेश चतुर्थी पर दो शुभ योग और ग्रहों का शुभ संयोग बन रहा है, जिसकी वजह से गणेश चतुर्थी का महत्व बढ़ गया है. 2 सितंबर दिन सोमवार की शुरुआत हस्त नक्षत्र में होगी और गणेश प्रतिमाओं की स्थापना चित्रा नक्षत्र में की जाएगी. गणेश चतुर्थी पर मध्याह्न काल में अभिजित मुहूर्त के संयोग पर गणेश भगवान की मूर्ति की स्थापना करना शुभ रहेगा. पंचांग के अनुसार अभिजित मुहूर्त सुबह 11.55 से दोपहर 12.40 तक रहेगा. पूरे दिन शुभ संयोग होने से सुविधा अनुसार किसी भी शुभ लग्न या चौघड़िया मुहूर्त में गणेशजी की स्थापना कर सकते हैं.

भगवान गणेश को विघ्नकर्ता कहा जाता है. नौकरी से लेकर शादी-ब्याह, बिजनेस या और भी दूसरे काम बन नहीं रहे तो इन मंत्रों का जाप फायदेमंद साबित होगा. जानेंगे इसके बारे में....

ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा

विवाह में हो रही है देरी तो ये मंत्र बनाएगा आपका काम. विवाह का संयोग बनने के साथ ही मनपसंद जीवनसाथी भी मिलता है.

ॐ गं नमः

आर्थिक मामलों में आ रही अड़चनें दूर होती हैं, उनमें बढ़ोतरी होती है और नौकरी में आ रही समस्याओं का भी समाधान होता है.

गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:

इस मंत्र के उच्चारण से काम में आने वाली बाधाएं दूर होंगे और आत्मबल की प्राप्ति होगी.

ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा

काम में आ रही अड़चनों को दूर करने, आलस्य, कलह और निराशा मिटाने के लिए इस मंत्र का जाप करें.