Dussehra Special: आम जनता क्या, लंका के राजा रावण पर भी पड़ी आर्थिक मंदी की मार
पुतलों के बाजार में 'रावण' का कद और छोटा हो गया है. पुतला बनाने वाले कारीगरों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है.
नई दिल्ली:
सोने की लंका के राजा रावण के पुतलों को भी महंगाई से जूझना पड़ रहा है. अबकि बार बुराई के प्रतीक रावण, कुंभकरण और मेघनाथ (पुतलों) के भाव बढ़े हुए हैं. इन पुतलों को बनाने वाली सामग्री महंगी हो गई है, जिसकी वजह से इनके दामों पर असर देखा जा रहा है.
अर्थव्यवस्था में सुस्ती की मार से 'रावण' भी बच नहीं पाया है. आर्थिक मंदी का असर हर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है. यही नही त्यौहार, पर्व भी इससे अछूते नहीं हैं. दशहरा पर्व पर भी आर्थिक मंदी का असर देखने को मिल रहा है.आलम यह है कि महंगाई की मार ने रावण,मेघनाथ के कद भी छोटे कर दिए हैं. पिछले वर्ष की तुलना में रावण की लंबाई कम हुई है,वहीं आर्थिक मंदी से जूझ रहे कलाकारों पर बिहार में आई बाढ़ में दोहरी मार की है. बांस की कमी के कारण रावण बनाने में दिक्कतें आ रही हैं.
पुतलों के बाजार में 'रावण' का कद और छोटा हो गया है. पुतला बनाने वाले कारीगरों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है. इन कारीगरों का कहना है कि अर्थव्यवस्था सुस्त है, साथ ही पुतला बनाने वाली सामग्रियों के दाम काफी चढ़ चुके हैं. ऐसे में हमें पुतलों का आकार काफी छोटा करना पड़ा है.
विजयादशमी का उत्साह व उल्लास शहर में नजर आने लगा हैं. दशहरा पर रावण दहन को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है. शहर में रावण व कुंभकरण के पुतले तैयार करने में करीब 200 परिवार जुटे हुए हैं, अकेले रावण मंडी में ही 150 परिवार रावण के पुतले तैयार कर रहे हैं. वहीं आदर्श नगर, शास्त्री नगर, मानसरोवर, प्रतापनगर, राजापार्क सहित कई जगहों पर रावण के पुतले तैयार किए जा रहे हैं.
मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के पास लगने वाली रावण मंडी में करीब 150 परिवार पिछले तीन माह से रावण व कुंभकरण के पुतले तैयार करने में जुटे हुए हैं. हालांकि पिछले सालों के मुकाबले इस बार मंडी में रावण के पुतले आधे भी नजर नहीं आ रहे हैं. रावण मंडी में सांचौर, गुजरात, बीकानेर, जोधपुर सहित अन्य जगहों के कारीगर रावण और कुंभकरण बनाने में लगे हुए हैं. रावण के पुतले बनाने वालों ने बताया कि इस बार महंगाई के साथ मौसम की मार भी रावण पर पड़ी है. बारिश के कारण बांस, लकड़ी, रस्सी, सूत, रंग आदि महंगे हो गए हैं. इसके चलते इस बार रावण व कुंभकरण के पुतले पिछले सालों की मुकाबले आधे भी तैयार नहीं किए गए हैं.
पिछले सालों में यहां 8 से 10 हजार रावण और कुंभकरण के पुतले तैयार होते थे, वहीं इस साल इनकी संख्या घटकर आधी रही रह गई हैं. हालांकि रावण के दाम इस बार डेढ़ गुणा तक बढ़ गए हैं. इसके चलते इस बार रावण मंडी में ऑर्डर भी कम हो गए हैं. रावण मंडी में इस बार रावण 100 रुपए से लेकर एक लाख रुपए तक बिक रहे रहे हैं। छोटे पुतले 100 रुपए से लेकर 20 हजार तक बिक रहे हैं. कारीगर ऑर्डर से भी रावण के पुतले तैयार कर रहे हैं.
जयपुर के अलावा मुंबई, गंगापुर, कोटा सहित अन्य शहरों में यहां से रावण बनाकर भेजे जा रहे हैं. 70 फीट से ऊंचे रावण के पुतले एक से 2 लाख रुपए तक में तैयार हो रहे हैं.
तकनीक के इस दौर में रावण व कुंभकरण के पुतलों में कई नए प्रयोग भी किए जा रहे हैं. इकोफ्रेंडली रावण तैयार करने के साथ लोगों को आकर्षित करने के लिए कई बदलाव भी किए जा रहे हैं. रावण बनाने के लिए मुलतानी मिट्टी और केमिकल भी काम में लिया जा रहा है, जिससे रावण काफी देर तक जलेगा और पटाखों की धुंआ भी कम निकलेगी. इसके अलावा रावण के पुतले हाथ-पैर और गर्दन हिलाते हुए नजर आएंगे. रावण की मूछ भी लम्बी बनाई जा रही है। इस बार मुकुट को आकर्षक रूप दिया जा रहा है.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Daughter : निसा के बर्थडे से पहले इमोशनल हुईं काजोल, बेटी के लिए बयां किया प्यार
-
Lok Sabha Elections 2024: रजनीकांथ से लेकर कमल हासन तक वोट देने पहुंचे ये सितारे, जागरूक नागरिक होने का निभाया फर्ज
-
टीवी एक्ट्रेस दिव्यांका त्रिपाठी का हुआ एक्सीडेंट, होगी सीरीयस सर्जरी, काम छोड़कर हॉस्पिटल पहुंचे पति
धर्म-कर्म
-
Kamada Ekadashi 2024: कामदा एकादशी के दिन इस पेड़ की पूजा करने से हर मनोकामना होती है पूरी
-
Aaj Ka Panchang 19 April 2024: क्या है 19 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म में क्या हैं दूसरी शादी के नियम, जानें इजाजत है या नहीं
-
Hanuman Jayanti 2024 Date: हनुमान जयंती पर बनेगा गजलक्ष्मी राजयोग, जानें किन राशियो की होगी आर्थिक उन्नति