Diwali 2019: आखिर दिवाली के दिन लक्ष्मी और गणेश की ही क्यों की जाती है पूजा, जानें वजह
हिंदु धर्म की परंपराओं के अनुसार, गणपति भगवान को ऋद्धि-सिद्धि के अधिपति और मां लक्ष्मी को धन-संपत्ति की देवी कहा जाता है. इनकी कृपा होने के बाद संसार का सारा सुख मिल जाता है.
नई दिल्ली:
इस साल 27 अक्टूबर को दिवाली का त्यौहार मनाया जाएगा. कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन प्रदोष काल में दीवाली का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के साथ धन के देवता कुबेर की भी पूजा की जाती है. पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके अयोध्या वापस लौटे थे. राम के लौटने के बाद पूरे अयोध्या को दीपों से सजाया गया था इसलिए भी दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है.
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हिंदु धर्म की परंपराओं के अनुसार, गणपति भगवान को ऋद्धि-सिद्धि के अधिपति और मां लक्ष्मी को धन-संपत्ति की देवी कहा जाता है. इनकी कृपा होने के बाद संसार का सारा सुख मिल जाता है. ऐसा माना जाता है कि ये किसी भक्त या एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं टिकती हैं. इसलिए हर घर दिवाली के दिन इनकी स्थापना ऐसे मुहूर्त में करना चाहता है, जिसकी वजह से भगवती लक्ष्मी उनके यहां वास करने लग जाएं.
शास्त्रों के अनुसार, मान्यता है कि माता लक्ष्मी उसी के पास टिकती हैं, जिसके पास बुद्धि होती है. यही वजह है कि लक्ष्मी एवं गणपति की एक साथ पूजा का विधान है जिससे धन और बुद्धि एक साथ मिले. हिंदुओं का प्रमुख त्योहार दीवाली सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है इसलिए हर परिवार दिवाली की रात इसी कामना से लक्ष्मी पूजन करता है कि लक्ष्मी मां उस पर अपनी कृपा बनाए रखें.
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