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Dhanteras 2018 : क्यों मनाया जाता है धनतेरस, यहां पढ़ें पौराणिक कथा

संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया था. भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है.

Updated on: 05 Nov 2018, 01:06 PM

नई दिल्ली:

आज देशभर में धनतेरस (Dhanteras) का त्योहार मनाया जा रहा है. वहीं दिवाली (Diwali) का पर्व 7 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा. दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक मास की तेरस यानी कि 13वें दिन धनतेरस मनाया जाता है. इस दिन माता लक्ष्‍मी, भगवान कुबेर और भगवान धन्‍वंतरि की पूजा का विधान है. इस दिन सोने-चांदी के आभूषण और बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है. लोग नई गाड़ियां भी इसी दिन खरीदना पसंद करते हैं. आइए जानते हैं इस बार धनतेरस की तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है.

क्यों मनाया जाता है धनतेरस-

शास्त्रों के अनुसार धनतेरस मनाने का इतिहार यह है कि समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए. मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि विष्णु के अंशावतार हैं. संसार में चिकित्सा विज्ञान के विस्तार और प्रसार के लिए ही भगवान विष्णु ने धन्वंतरि का अवतार लिया था. भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के उपलक्ष्य में ही धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है.

मान्यता है कि उसके बाद से ही इस दिन धन्वंतरि ऋषि और यमराज का पूजन किए जाने की प्रथा आरंभ हुई. धनतेरस के दिन घर के टूटे-फूटे बर्तनों के बदले तांबे, पीतल या चांदी के नए बर्तन तथा आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है. कुछ लोग नई झाड़ू खरीदकर उसका पूजन करना भी इस दिन शुभ मानते हैं.