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देवशयनी एकादशी कल, अगले चार महीने तक बिल्कुल शुरू न करें शुभ काम

आषाढ़ महीने की शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक महीने की शुक्ल एकादशी तक चार महीने तक भगवान विष्णु का शयनकाल होता है।

Updated on: 03 Jul 2017, 02:33 PM

नई दिल्ली:

एकादशी व्रत का हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। मंगलवार को देवशयनी एकादशी है। आषाढ़ महीने की शुक्ल एकादशी से लेकर कार्तिक महीने की शुक्ल एकादशी तक चार महीने तक भगवान विष्णु का शयनकाल होता है। देवशयनी एकादशी को 'पद्मा एकादशी' भी कहा जाता है।

इस एकादशी के आरंभ होने के बाद चार महीने तक हिंदू धर्म में कोई शुभ काम नहीं किया जाता क्योंकि ऐसा मन जाता है कि इस दिन से भगवान विष्णु पाताल लोक में राजा बलि के पास चार महीने रक पहरा देने के लिए मुंडन, विवाह, गृह प्रवेश आदि शुभ काम नहीं किये जाते है।

एक कथा के अनुसार आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष में एकादशी की तिथि को शंखासुर दैत्य मारा गया था तब से इस दिन से भगवान चार महीने तक क्षीर सागर में सोने के लिए चले जाते हैं।

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देव शयन के दौरान केवल देवी-देवताओं की आराधना, तपस्या, हवन-पूजन आदि कार्य होते हैं। इस दौरान धार्मिक आयोजन, कथा, हवन, अनुष्ठान आदि करने का विशेष महत्व होता है।

देवशयनी एकादशी से चातुर्मास व्रत प्रारंभ होता है। इस दौरान भगवान विष्णु के व्रत किए जाते हैं।